दिल्ली देहात से….

हरीश चौधरी के साथ….

भारत में सूचीबद्ध अडानी समूह के शेयरों को छोटा करना कठिन है, यहां विवरण जानें -दिल्ली देहात से

भारत में सूचीबद्ध अडानी समूह के शेयरों को छोटा करना कठिन है, यहां विवरण जानें
-दिल्ली देहात से

[ad_1]

अदानी ग्रुप (Adani Group) की ऑब्जिट के शेयर में ले-अपलोड का दौर जारी है।

नई दिल्ली:

अमेरिकी वित्तीय अनुसंधान कंपनी हिंडनबर्ग इन दिनों लगातार दिशानिर्देश में है। यह एजेंसी स्वयं ‘शॉर्ट सेलर’ को बताती है और इसके माध्यम से टैगरा को अलग बनाती है। कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक, हिंडनबर्ग रिसर्च (हिंडनबर्ग रिसर्च) कंपनी अपनी रिपोर्ट और शॉर्ट सेलिंग के जरिए कई ऑब्जर्वेशन के शेयर गिरा चुकी है। कंपनी का दावा है कि उसके पास इस तरह के निवेश को लेकर दशकों का अनुभव है। हिंडनबर्ग रिसर्च एक अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म है, जो ऑब्ज़ाइटी के शेयर गिराने के लिए अपनी कई तरह की रिपोर्ट जारी करती है।

यह भी पढ़ें

हाल में हिंडनबर्ग रिसर्च ने हाल में अदानी ग्रुप (Adani Group) के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी की। हालांकि, अदानी ग्रुप ने इस रिपोर्ट को निराधार बताया है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अदानी ग्रुप के शेयर के शेयर में तेजी से गिरावट आई है। हिडनबर्ग रिसर्च केवल एक स्टार्टअप फर्म नहीं बल्कि एक ‘शॉर्ट सेलर फर्म है, जो इस तरह के स्टेक को चालू करने की कोशिश करती है।

बीक्यू प्राइम की रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी ग्रुप की कंपनियों को छोटा करना आसान नहीं है। भारतीय-सूचीबद्ध कार्य के करीब अपेक्षाकृत कम फ्री नाव और कुछ गलत हैं, जिसका मतलब है कि छोटे दावे के लिए उधार लेने के लिए स्टॉक की कमी है, और इसलिए वे अधिक महंगे हैं। ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के मुताबिक, 10 में से नौ स्टॉक में संस्थापक और कंट्रोलर की कम से कम 60% अनदेखी है।

भारत में शार्ट सेलिंग पर कई तरह के नियंत्रण किए गए हैं। हालांकि, यह तथ्य है कि अडानी के शेयरों में शॉर्ट सेलिंग भी कम हुई है। अमूमन शॉर्ट सेलिंग होने पर शॉर्ट कवरिंग स्टॉक को और नीचे जाने से रोकता है। पिछले हफ्ते शॉर्ट-सेलिंग स्पेशलिस्ट स्कॉर्पियन कैपिटल पार्टनर्स ने एक ट्वीट में कहा, “मजेदार मोहन यह है कि अडानी ग्रुप के ऑब्जर्वर के गिर रहे हैं या आंशिक रूप से नीचे आ रहे हैं, क्योंकि भारत में शॉर्ट सेलिंग करना काफी मुश्किल है।”

[ad_2]