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खास बातें
- इस व्रत को मनोकामना पूरी तरह से सुख-समृद्धि के लिए भी रखा जाता है।
- भगवान शिव की आरती और भजन गाने भी शुभ माने जाते हैं।
- भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए पंचामृत से अभिषेक करते हैं।
प्रदोष व्रत शुभ संयोग 2022 : शिव जी के भक्त वैसे तो हर दिन ही उनकी पूजी अर्चना करते हैं। लेकिन सोमवार के दिन जानकारी से क्योंकि यह भोले नाथ का दिन माना जाता है। इस दिन लोग शिव मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं। इस दिन कुछ लोग तो व्रत भी करते हैं। इस बार सोमवार का व्रत बहुत खास होने वाला है क्योंकि मार्गशीर्ष सोम प्रदोष व्रत हो रहा है। सोमवार को ही प्रदोष व्रत बनता है क्योंकि इसका शुभ संयोग बन रहा है। तो जानिए इसका शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
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सोम प्रदोष व्रत पर पूजा | सोम प्रदोष व्रत पूजा
- 21 नवंबर के दिन पड़ रहे हैं सोम प्रदोष व्रत पर पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 25 मिनट से रात 8 बजकर 6 मिनट तक माना जा रहा है। वहीं, पूजा की शुरुआत 21 नवंबर से हो रही है और व्रत का पारण अगले दिन होना है।
- ज्योतिषनुसार सोम प्रदोष व्रत के दिन आयुष्मान योग बन रहा है और यह योग पूजा पाठ मांगलिक कार्यों को करने की दृष्टि से बेहद शुभ माना जाता है।
- सोम प्रदोष व्रत को रखने के महत्व की बात करें तो भक्त इस व्रत को अपने आराध्य शिव की कृपा पाने के लिए रखें। इस व्रत को मनोकामना पूरी करने के लिए व सुख-समृद्धि व जीवन में उन्नति के लिए भी रखा जाता है।
इस तरह करें भगवान शिव का पूजन
- सोम प्रदोष व्रत के दिन सुबह उठकर निवृत्त होने के बाद स्नान किया जाता है। इसके भक्त भगवान शिव के मंदिर जाते हैं या फिर घर के मंदिर में ही पूजा करते हैं।
- भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्त शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करते हैं। साथ ही, शिवलिंग पर ज्वेलरी अर्पित की जाती है।
- सोम प्रदोष व्रत की पूजा में कच्चा दूध, पुष्प, मेवे, कपूर, रोली, बेलपत्र, शहद, दीप, धूप और घृत आदि शामिल किया जाता है। भगवान शिव की आरती और भजन गाने भी शुभ माने जाते हैं।
(अस्वीकरण: यहां दी गई जानकारी सामान्य सट्टेबाजी और जानकारियों पर है। एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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