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आप तीस्ता सीतलवाड़ को 7 साल की जमानत के बाद वापस हिरासत में भेजना चाहते हैं? SC ने CBI और गुजरात सरकार से पूछा NDTV हिंदी NDTV India – आप तीस्ता सीतलवाड़ को वापस गोद में बांधना चाहते हैं? : सुप्रीम कोर्ट का सीबीआई और गुजरात सरकार से सवाल -दिल्ली देहात से

सुप्रीम कोर्ट ने अभी चार हफ्ते में मामले को टाल दिया है

नई दिल्ली :

एनजीओ के तरल पदार्थ के सेवन के मामले में तीस्ता शीतलवाड और उनके पति जावेद आनंद को पूर्व जमानत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक रूप से टिप्पणी की है। कोर्ट सातने सीबीआई और गुजरात सरकार ने कहा, “क्या तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद को हिरासत में वापस बांधना चाहते हैं? वे दोनों साल से अधिक समय से जमानत पर बाहर हैं। असली सात साल से पूर्व जमानत का मामला क्यों हैं। ? सवाल यह है कि आप किसी को कब तक जमा में रख सकते हैं।” सुप्रीम कोर्ट ने अभी चार हफ्ते में मामले को टाल दिया है।

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तीस सीतलवाड़ की ओर से पेश किए गए कपिल सिंबल ने कहा कि हमने सभी मामलों की एक सूची तैयार की है और स्थिति क्या है ताकि यह स्पष्ट हो सके। ऐसे मामले जो आठवें साल से स्पष्ट हैं। पूर्व जमानत के मामले में आठ साल से पता चला है। उच्च न्यायालय ने पूर्व जमानत दे दी है। कई मामलों में नियमित जमानत भी मिल चुकी है। उसी समय सरकार की ओर से अतिरिक्त सामग्री के लिए समय मांगा गया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो चार हफ्ते बाद सुनवाई करेगा।

दरअसल, एनजीओ के फंड के सेवन के मामले में सुप्रीम कोर्ट तीस्ता शीतलवाड और उनके पति जावेद आनंद को पूर्व जमानत को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था। 11 मई 2019 को बॉम्बे उच्च न्यायालय से मिली राहत पर रोक लगा दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के दोनों को जमानत पर पूर्व फैसला देने से रोककर इनकार कर दिया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार और दपंति की याचिका पर नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। आरोपित है कि फरवरी 2019 में बॉम्बे ही हाई कोर्ट ने दोनों को 1.4 करोड़ के फंड के गबन के मामले में बॉयलर पूर्व जमानत दी थी। उच्च न्यायालय ने कहा था कि दोनों इस मामले में जांच में सहयोग करेंगे। इसे लेकर गुजरात सरकार के अलावा तीस्ता ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को बीसी के पुराने मामले के साथ टैग कर दिया था।

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