इस बार शिव पूजा के समय अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त भी है, जो शाम 07 बजकर 14 मिनट से रात 08 बजकर 30 मिनट तक है।
भोलेनाथ व्रत जून में : बाबा भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण प्रदोष व्रत इस बार 1 जून दिन गुरुवार को पड़ रहा है। यह व्रत ज्येष्ठ के महीने का अंतिम प्रदोष व्रत होगा। आपको बता दें कि यह व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। गुरुवार को पड़ रहे इस उपवासी को गुरु प्रदोष व्रत कहेंगे। इस व्रत को लेकर मान्यता है कि शिव जी का यह व्रत करने से परास्त होते हैं और जीवन में सुख शांति बनी रहती है। इस बंधन से यह व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में पक्का जान लेते हैं इसके शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
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प्रदोष व्रत व्रत और शुभ मुहूर्त
जून पंचांग के अनुसार यह व्रती शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 01 गुरुवार को दोपहर 01 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगा जो अगले दिन 02 जून शुक्रवार को दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।
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प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त
- शाम को 07 बजकर 14 मिनट से रात 09 बजकर 16 मिनट तक है। इस बार शिव पूजा के समय अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त भी है, जो शाम 07 बजकर 14 मिनट से रात 08 बजकर 30 मिनट तक है।
- प्रदोष व्रत की पूजा में कच्चा दूध, पुष्प, मेवे, कपूर, रोली, बेलपत्र, शहद, दीप, धूप और घी आदि शामिल किया जाता है। भगवान शिव की आरती और भजन गाना भी शुभ माना जाता है।
- इससे घर की शांति बनी रहती है साथ ही दिमाग भी शांत हो जाता है। इस दिन स्नान करने के बाद मंदिर में या फिर घर पर रुद्राभिषेक करें। अगर पंडित जी से असंबद्ध हैं तो स्वयं करें। पूजा करते समय ओम नमः शिवाय का जाप करें।
(अस्वीकरण: यहां दी गई जानकारी सामान्य सट्टेबाजी और जानकारियों पर है। एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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