सड़क के घटिया निर्माण को उजागर करने वाला वीडियो वायरल हो गया है।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें ग्रामीण एक नवनिर्मित सड़क को अपने हाथों से कारपेट की तरह ‘उठाते’ हुए दिखाई दे रहे हैं। कई ट्विटर हैंडल से दावा किया गया है कि यह अजीबोगरीब घटना महाराष्ट्र में हुई है। सड़क निर्माण की घटना का 38 पन्नों का यह क्लिप है। इसमें ग्रामीण सड़क को घेरा जाता है तो उसके नीचे की ओर झुकाव भी उसके साथ उठता है। इस क्लॉसीन से सड़क चिपकी हुई है। सड़क पर बिछा डामर और गिट्टी आसानी से निकल जाती हैं और नीचे का बिछावन साफ नजर आता है।
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ऐसा लगता है कि कपड़े को बिछाकर उसके ऊपर सड़क निर्माण की सामग्री बिछाई गई है। यह सड़क एक स्थानीय नामांकन बनाई गई थी। क्लिप में स्थानीय रिकॉर्डर, जिसका नाम वे राणा ठाकुर बताते हैं, के घटिया काम की निंदा करते हुए सुना जा सकता है। डामर के नीचे बिच्छे को पकड़ते हुए वे कहते हैं कि यह काम “फर्जी” है।
कालीन भैया जब सड़क निर्माण में उतरे तो ठेकेदार ने नकली सड़क बना दी- कालीन को आधार बनाकर! #महाराष्ट्र#भारत#Wednesdayvibepic.twitter.com/6MpHaL5V6x
– रोहित शर्मा 🇺🇸🇮🇳 (@DcWalaDesi) मई 31, 2023
अख़बार फ्री प्रेस जर्नल के अनुसार, यह घटना महाराष्ट्र के जालना जिले के अंबेड तालुका के कर्ज में हस्त पोखरी में हुई। सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत किया गया था।
अखबार के मुताबिक, सुपरस्टार ने सड़क के निर्माण के लिए जर्मन तकनीक का इस्तेमाल करने का दावा किया है।
हालांकि, जैसा कि वीडियो में देखा जा सकता है, विश्वसनीयता का दावा खोखला साबित हुआ क्योंकि विश्वसनीयता ने सड़क की गुणवत्ताहीनता का पर्दाफाश कर दिया है।
स्थानीय लोगों ने महाराष्ट्र सरकार की भी निंदा की है। फ्री प्रेस जर्नल के मुताबिक गांव के लोग घटिया काम को मंजूरी देने वाले इंजीनियर के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं।
मेक इन इंडिया वेबसाइट के अनुसार, भारत में लगभग 63.32 मिलियन किलोमीटर का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के विभिन्न एजेंसियां सड़क निर्माण करती हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, राज्य और केंद्र अधिकार प्रदेशों के लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग और रूपरेखा विकास निगम लिमिटेड, सीमा सड़क संगठन और भारतीय राजमार्ग अभियंता अकादमी (IAHE) जैसी एजेंसियां सड़क निर्माण कर रही हैं।
पारंपरिक सड़कों के निर्माण में ओवरलैपिंग सुनिश्चित करने के लिए बजरी, मिट्टी और जमी हुई मिट्टी का उपयोग किया जाता है। हाल के वर्षों में इंजीनियरों ने लंबी उम्र तक तैरने के लिए कंक्रीट का निर्माण शुरू कर दिया है।