[ad_1]
सिविल सेवा परीक्षा के परिणाम मंगलवार को घोषित किए गए थे। यह मामला आयशा मकरानी (मध्य प्रदेश से) और तुषार (हरियाणा से) से संबंधित है, जिन्होंने फर्जी तरीके से यह दावा किया है कि आयोग द्वारा सिविल सेवा परीक्षा 2022 में वास्तव में चमकने के दो रोल नंबर के चयन के लिए उनके नाम की वनीकरण किया गया है।
यूनेस्को द्वारा शुक्रवार को जारी किए गए बयानों में कहा गया है, ”दोनों लोगों के दावे बीमा हैं। उन्होंने अपने करीबी को साबित करने के लिए अपने पक्ष में जाली दस्तावेज़ बनाए हैं।”
बयानों में कहा गया है कि ऐसा करके मकरानी और तुषार दोनों ने केंद्र सरकार (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) द्वारा सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के सीधे संदेश का उल्लंघन किया है।
बयानों के अनुसार, इसलिए जांच संबंधी चिंताओं के अनुसार, दोनों चिपकासी दोनों लिपियों के खिलाफ उनके धोखाधड़ी के कृत्यों के लिए आपराधिक और अनुशासनात्मक दंडात्मक कार्रवाई पर विचार कर रहा है। बयानों में कहा गया, ”यूपीएससी की व्यवस्था मजबूत होने के साथ-साथ पूरी तरह से चाक चौबंद है और ऐसे लक्ष्य संभव नहीं हैं।”
जीपीएससी भारतीय जंपिंग सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों का चयन करने के लिए हर साल तीन चरणों-प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार में सिविल सेवा परीक्षा आयोजित की जाती है।
ये भी पढ़ें :-
कहानी अस्सी की: चोट की वजह से क्रिकेट में लौटने वाले मनोज, झोपड़पट्टी में पले सैय्यद ने ऐसे क्रैक किया UPSC
ना हैं पैर ना एक हाथ, पिता दर्ज हैं, IAS की परीक्षा पास करने वाला कौन है?
“ठान लिया था…”, 8वीं की परीक्षा में UPSC क्रैक करने वाले हेड कांस्टेबल रामभजन बोले NDTV से
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एंडीटीवी टीम ने विरोध नहीं किया है, यह सिंडीकेट से सीधे प्रकाशित किया गया है।)
[ad_2]