दिल्ली देहात से….

हरीश चौधरी के साथ….

उमेश पाल अपहरण मामला गैंगस्टर अतीक अहमद आजीवन कारावास पीड़ित पत्नी की मां ने उसके लिए मौत की सजा की मांग की – उसे फांसी पर लटकाना चाहिए: अतीक अहमद पर कोर्ट के फैसले के बाद बोलीं पीड़ित की मां और पत्नी -दिल्ली देहात से


खास बातें

  • 28 फरवरी 2006 को उमेश पाल का अपहरण हुआ था।
  • 1 मार्च 2006 को उमेश पाल ने अतीक के पक्ष में दी गई गवाही दी।
  • इस साल 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या हुई थी।

प्रयागराज:

उत्तर प्रदेश के खतरनाक अतीक अहमद (गैंगस्टर अतीक अहमद) को 17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण मामले (उमेश पाल मामला) में उम्रकैद की सजा दी गई है। प्रयागराज (इलाहाबाद) के एमपी-एमएलए कोर्ट ने जजों को सजा सुनाई। पुलिस रिकॉर्ड में अतीक गैंग पर 101 दोष दर्ज हैं। यह पहला मामला है, जिसमें अतीक को दोषी ठहराया गया और सजा मिली। हालांकि, उमेश पाल का परिवार अतीक अहमद की उम्र की सजा से खुश नहीं है। उमेश पाल की मां और पत्नी का कहना है कि यंगस्टर्स को फांसी पर लटका दिया जाएगा।

यह भी पढ़ें

अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए उमेश पाल की मां शांति देवी ने कहा कि वह चाहती हैं कि अतीक अहमद को मौत की सजा दी जाए। शांति देवी ने कहा, “मेरे बेटे का अपहरण 18 साल हो गया है। वह एक लड़ाई थी। मुझे अदालत की गारंटी है। मेरे बेटे की हत्या के लिए अतीक अहमद को मौत की सजा दी जानी चाहिए।”

18 साल पुराना था दुश्मनी
अतीक अहमद और उमेश पाल के बीच दुश्मनी 18 साल पुरानी थी। 25 जनवरी, 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की मर्डर के साथ शुरुआत हुई थी। उमेश, राजू पाल मर्डर केस के चश्मदीद गवाह थे।

पत्नी बोलीं- मेरी सुरक्षा का ख्याल रखें
वहीं, उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने कहा- ‘मैं घर पर अकेली हूं। उत्तर के लिए मांग से करती हूं कि मेरी सुरक्षा का ख्याल रखें। अतीक अहमद को अपहरण मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इस फैसले पर मैं कुछ नहीं कहना चाहता हूं। मेरे पति के मर्डर केस में अतीक को फांसी की सजा दी जाएगी।’

इन दोषियों को भी सजा हुई है
जज दिनेश चंद्र शुक्ल ने अतीक अहमद के अलावा खान सौलत हनीफ और दिनेश पासी को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है। तीनों पर एक-एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। यह रुपये उमेश के परिवार को दिए जाएंगे। वहीं, अतीक के वकील की ओर से इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की बात कही गई है।

ये मायने रखते हैं-‘फांसी दो, फांसी दो’ के नारे
जब कोर्ट में अतीक को ले जाया गया, परिसर में रहने वालों ने ‘फंसी दो…फंसी दो’ के नारे लगाए। नाराज लोगों का कहना था कि उन्होंने (अतीक) उनके वकील साथी उमेश की हत्या की है। इसलिए, उसे फांसी की सजा दी जाती है।


इसलिए हुई थी उमेश पाल की हत्या
यूपी पुलिस ने दावा किया है कि अतीक अहमद ने उमेश पाल की इसलिए हत्या कर दी, क्योंकि उमेश पाल ने 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में उसे मुख्य पंच बनाया था। उमेश पाल का 2006 में अपहरण कर लिया गया था। बाद में उसे छोड़ दिया गया था। अपहरण मामले में सुनवाई के आखिरी दिन इसी साल 24 फरवरी को उसकी हत्या कर दी गई थी।

ये भी पढ़ें:-

उमेश पाल अपहरण मामले में माफिया अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा

माफ़िया अतीक़ अहमद को 17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण मामले में उम्रकैद – 10 लोगों में समझें मामला