दिल्ली देहात से….

हरीश चौधरी के साथ….

त्रिपुरा के चार बार के मुख्यमंत्री माणिक सरकार इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे एनडीटीवी हिंदी एनडीटीवी इंडिया – चार बार त्रिपुरा के मुख्यमंत्री रहे माणिक सरकार इस बार क्‍यों नहीं लड़ेंगे चुनाव? -दिल्ली देहात से

माणिक सरकार की छवि बेहद ईमानदार राजनेताओं के रूप में है

लौंग:

त्रिपुरा में वाम दलों के लिए बड़ा चेहरा माने जाने वाले और चार बार मुख्‍यमंत्री रहे माणिक सरकार (माणिक सरकार) अगले महीने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। सूत्रों ने बताया कि मार्कपा ने 74 साल के लिए सरकार को टिकट नहीं दिया है। हालांकि पार्टी की ओर से यह घोषणा की गई है कि माणिक सरकार, वैसे भी वाम पार्टियों के प्रचार अभियान का छिड़काव करेगी। बता दें, मार्कापा ने 1978 से 2018 तक त्रिपुरा में राज किया है, इस बीच में पांच साल का ब्रेक रहा है। सरकार के अपने कार्यकाल के दौरान बांग्लादेश की सीमा से लगे इस छोटे से राज्य में भी शांति बनाए रखने में कामयाब रहे जो कभी उग्रवाद और बंगालियों-आदिवासियों के बीच संघर्ष का केंद्र बिंदु रहा।

यह भी पढ़ें

स्पष्ट-सुथरे शासन के लिए जाने वाले सरकार के कार्यकाल में गरीबी में वृद्धि और गरीबी और कुपोषण में कमी देखी गई और महिला सांकेतिकता को बढ़ावा मिला था। खांटी कम्‍युनिस्‍ट और पार्टी पोलितब्‍यूरो के सदस्‍य माणिक सरकार की छवि ईमानदार राजनीतिज्ञ की थी। कभी देश के सबसे गरीब वर्कर के रूप में सरकारी, राज्य की पार्टी के सबसे विश्वसनीय चेहरे हैं। ऐसी ज़ूममीद धोखा जा रहा है कि 1998 से 2018 तक अनियमित सरकार का नेतृत्व करने वाले सरकार फिर से वामपंथियों के उस सबसे बड़े वोट, आदिवासियों और जालीओं को लूट में जा सकते हैं जो जॉब-आईपी प्रमाणपत्र (त्रिपुरा का स्वदेशी प्रगतिशील मोर्चा) की ओर वोट हो गया था। मार्कपा सूत्रों ने कहा कि सरकार को पूरे राज्य में प्रचार करने की जरूरत है। उन्‍हें केवल अपने पारंपरिक निर्वाचन क्षेत्र धनपुर तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए।

साल 2018 के चुनावों में बीजेपी ने 60वीं से 36वीं सदी में सत्ता पर जीत हासिल करते हुए जीत का इतिहास रचा था। आईपीएफ़टी को 8 सीट हासिल हुई थीं जबकि मार्का को हज 16 सीट ही मिल गई थीं। पिछले चुनाव में मिली करारी हार के बाद माकपा ने इस बार कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे का दावा किया है जिसके तहत वाम मोर्चा के 60 में से 47 क्षेत्र पर प्रत्याशी उतरेगा। शेष 13 कांग्रेस के प्रतियाशी चुनाव लड़ेंगे।

ये भी पढ़ें-

दिन का विशेष रुप से प्रदर्शित वीडियो

106 प्रशस्ति को पद्म सम्मान, पद्म विभूषण की सूची में 6 नाम