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मौजूदा चक्र की यह दीर्घकालिक व्याज दर में वृद्धि हो सकती है : उद्योग जगत -दिल्ली देहात से

मौजूदा चक्र की यह दीर्घकालिक व्याज दर में वृद्धि हो सकती है : उद्योग जगत
-दिल्ली देहात से

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भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत कर दिया है। उद्योग जगत के घोषणापत्र में इस वृद्धि के बाद उम्मीद है कि यह कई के बीच हो सकता है, यह जिजीविषा में लगातार छठा परिवर्तन था, हालांकि संख्या कम रही। सेंट्रल बैंक ने पिछले साल मई से रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि की है। सरकार ने यह कदम वैश्विक दबाव के बीच अंडरग्राउंड कंट्रोल के लिए उठाया था।

उद्योग मंडल सोचैम के सनकी दीपक सूद ने कहा, “इसमें कोई संभावना नहीं है कि आज वैश्विक माहौल के बीच महानगर-मौद्रिक नीति समिति के लिए मूलभूत कम प्राथमिकता थी और केंद्रीय बैंक ने बहुत व्यावहारिक काम करते हुए मुद्रा को नियंत्रण में रखा है ।” उन्होंने कहा, “सतत वृद्धि के व्यापक उद्देश्य को देखते हुए हम महसूस कर रहे हैं कि मौजूदा चक्र में यह जिज्ञासा में अंतिम वृद्धि है।” में 0.50 अनुपात था।

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने आरबीआई की नीतिगत समीक्षा पर कहा, “फिलहाल लगता है कि अभी गलतियों के बारे में जाने का जोखिम हो सकता है, इसलिए ऋण ऋण योजना बनाई गई है। चालू वर्ष में सर्किट में अनुमान की अधिक संभावना नहीं दिखती है। उन्होंने कहा, “पिछले कुछ महीनों से चमक के बीच हम आगे की नीति समझ कर रुके रहने की उम्मीद कर रहे हैं।”

एंड्रोमेडा सेल्स और अपनापैसाडॉटकॉम के कार्यकारी कार्यकारी वी स्वामीनाथन ने कहा, “आज रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे ईएमआई लगभग 2-4 प्रतिशत तक भिन्न हो जाएगी। कर्जदारों को अपना कर्ज चुकाने के लिए या तो हर किस्त में अतिरिक्त पैसा देना होगा या कर्ज की समय सीमा बढ़ानी होगी।

उन्होंने समझाते हुए कहा, “मई, 2022 के बाद से दर में रेपो का अनुपात बढ़ गया है। इसके तहत मई, 2022 में सात प्रतिशत का वेग दर से लिए गए 70 लाख रुपये के आवास ऋण की मासिक किस्त (ई एमआई) 54,271 रुपये हो जाएगी।” उन्होंने इसके बाद कहा, “लेकिन अगर हम व्हीलचेयर के बढ़ने पर ब्याज दर 9.50 प्रतिशत हो जाएगी और ईएमआई 65,249 रुपये बैठेगी।”

अब इनवेस्टमेंट मैनेजर के सीईओ भाविक ठक्कर ने भी कहा कि रेपो रेट बढ़ने से हर तरह का कर्ज महंगा हो जाएगा। इस बार आवास ऋण लेने वाले लोगों पर इसका प्रभाव न केवल ऋण की अवधि के रूप में होगा, बल्कि उनकी मासिक किस्त भी तय होगा। मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक तीन अप्रैल, 2023 को होगी।

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