मामलों या भ्रम से संबंधित पूछताछ नहीं
राघव ने कहा, “यह भी कहा गया कि प्रत्यक्षदर्शियों का सामना किया गया, लेकिन सात दिनों में केवल तीन लोगों से आमना-सामना किया गया, यह भी खाना-पीना है। आज तक सिसोदिया से मामले या झूठ से संबंधित बातें नहीं पूछी गईं।”
आप सांसद ने आरोप लगाया कि आज तक ईडी ने सिसोदिया से कोई सवाल नहीं पूछा है। जो बेतुके सवाल सीबीआई ने पूछे थे, वे ही ईडी पूछ रहे हैं। मंशा केवल यह है कि जांच के नाम पर उन्हें हिरासत में रखें।
उन्होंने कहा, “बीजेपी और सेंटर में मोदी सरकार आज एक मानसिक परेशानी से गुजर रही है। राजनीतिक बदले के लिए आम आदमी के नेताओं को जेल में डाला जा रहा है। 2014-2022 तक आठ साल में ईडी ने 3555 नए मामले दर्ज किए। लेकिन कोर्ट ने इनमें से केवल 23 लोगों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है। स्पष्ट है कि मकसद फर्जी मामलों में नेताओं को जेल में रखा गया है। जा रहे हैं।”
बदले की कार्रवाई बंद होनी चाहिए
आप सांसद ने कहा, “इंदिरा गांधी को भी लगता है कि वे सत्ता से बाहर नहीं होंगे, आज वालों को भी यही लगता है। इसलिए यह बदले की कार्रवाई बंद होनी चाहिए।”
होलसेल का अधिकार सरकार के पास जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ब्रॉक ने कहा कि शराब घोटाला हुआ है, जो दस हजार करोड़ का घोटाला है। दरअसल, ये बीजेपी के आदमी का घोटाला है। बीजेपी के मानसिक तनाव के शिकार नेता बताते हैं कि अगर सिसोदिया के यहां से मिले तो दस रुपये की नकद राशि भी।
सिसोदिया का बंगला आतिशी को दिए जाने पर उन्होंने कहा कि ये तो एक कानूनी प्रक्रिया है। लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि जैसे श्री राम के वनवास और दशरथ की मृत्यु के बाद भरत ने राम की चढ़ाई को लेकर शासन चलाया था, वैसे ही हमारे ये दोनों मंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की अनुपस्थिति में काम करेंगे।
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