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MP: महू में आदिवासी युवती की मौत का मामला विधानसभा में गूंजा -दिल्ली देहात से

MP: महू में आदिवासी युवती की मौत का मामला विधानसभा में गूंजा
-दिल्ली देहात से

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महू में दलित जनहानि की मौत का मामला की गूंज मध्य प्रदेश विधानसभा में भी सुनाई दी (प्रतीकात्मक फोटो)

भोले :

मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के महू में बुधवार की रात एक मृतक की मौत की गूंज मध्य प्रदेश विधानसभा में भी सुनाई दी। अनगिनत के रिश्तेदारों का आरोप है कि गैंगरेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई। गुस्साए लोगों ने पुलिस चौकी पर पथराव किया और चापलूसी की। पुलिस ने स्थिति पर निशाना साधने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। हवाई फायर के अलावा लाठीचार्ज भी किया गया। आरोप है कि कथित तौर पर पुलिस फायरिंग में एक युवक की मौत हो गई। महू के बड़गोंडा में धमाकों की गूंज भोपाल तक पहुंचती है। 22 साल के बुजुर्ग की मौत के बाद बड़े तादाद में लोग थाने पहुंचे। किसी ने कथित तौर पर पथराव किया और कहा तोड़ी। संघर्ष के दौरान 13 पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने जवाब में लाठी भांजी, हवा में छींटे मारे जिससे 18 साल का युवक मर गया। आईजी पुलिस राकेश गुप्ता ने कहा, “भीड़ में से कुछ उपद्रवी तत्वों ने कहा कि पंच को खुद सजा देंगे। इस बात पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया। आत्मरक्षा में गोलियां। इस दुखद घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई।”

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मध्य प्रदेश विधानसभा के सत्र के बजट के 9वें दिन की कार्यवाही शुरू होती है ही आज महू का मेरे प्रतिध्वनि, प्रश्नकाल और उसके बाद भी हुकूमत होती रही है। सरकार कह रही है कि हादसे की मौत की दो वजहें सामने आ रही हैं, वहीं कांग्रेस आदिवासियों पर अत्याचार के आरोप लगा रही है। अपराधी सरकार के मंत्री और महू की विधायक उषा ठाकुर ने कहा, “बहन कविता डावर को पानी गरम करने वाली रॉड से नौकरी लगी और मौत हुई ऐसा उनके पड़ोस में बताया है। लड़का दौड़कर आया और अस्पताल लेकर गया, लेकिन लड़के पर 302, 365 में एक्शन हुआ वो पुलिस गिरफ्त में था। पहले के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा, “थाना प्रभार रेंडोरफर किए गए। घटना में 13 लोग घायल हुए। बचाव में आग लगी जिसमें एक व्यक्ति की मौत हुई। न्यायिक जांच के आदेश दिए गए।”

कार्रवाई के बजाय छिपाने की कोशिश करते हैं : कांग्रेस
उद्र, कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अचल सरकार पर फोकस साधते हुए कहा, “सबसे सामान्य काम है मजिस्ट्रेयिल इंक्वायरी कर दी। पूरे प्रदेश में ऐसे मामले हो रहे हैं, कार्रवाई के ठहराव की कोशिश करते हैं।” पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ कहा, “कितनी मजाकिया बयान थे। आंसू गैस का काम नहीं हुआ तो तुम्हारे पास लाठी नहीं थी। सीधी गोली मारी। एक तरफ बड़ी-बड़ी बातें करते हो, दूसरी तरफ 18 साल के बच्चे को सीधे गोली मारी।”

आपराधिक-दलितयों पर अत्याचार के मामले
वैसे ये तथ्य भी मध्य प्रदेश में 21 अलग-अलग आदिवासी आबादी है जो देश में सबसे ज्यादा है। एनसी आरबी की रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में जाली और जाली के खिलाफ अत्याचार के मामले हैं। साल 2021 में यहां एससी/एसटी एक्ट के तहत 2627 मामले दर्ज हुए.2020 की तुलना में करीब 9.38 फीसदी ज्यादा है तब 2401 मामले आए थे.

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