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वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी प्रवीण सूद ने सीबीआई के नए निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला -दिल्ली देहात से

सीबीआइ के नए निदेशक प्रवीण सूद

नई दिल्ली: वरिष्ठ अधिकारी प्रवीण सूद ने जुपिटरवार को सेंट्रल स्टैच्यूशन ब्यूरो (सीबीआईबीआई) के नए निदेशक के रूप में पदभार संभाला। वे दो साल तक इस पद पर रहे। अधिकारियों ने बताया कि अपने अंतिम कार्य दिवस के दिन निवर्तमान निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल ने सूद को यहां सीबीआई मुख्यालय में एजेंसी का भ्रम फैलाया।

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सूद 1986 शटर के कर्नाटक कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी हैं। वे कर्नाटक की पुलिस पर आरोप लगा रहे थे और जायसवाल के बाद देश के सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और आज के सत्र में सर्वोच्च नेता रंजन चौधरी की एक उच्च स्तरीय समिति की बैठक में सूद के नाम को मंजूरी दी गई थी।

कहा जाता है कि कांग्रेस नेता चौधरी ने अगले सीबीआई निदेशक के रूप में सूद के चयन पर एक असहमति नोट दिया था। वर्ष 1964 में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में सूद भारतीय संस्थान प्रौद्योगिकी-दिल्ली से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद 22 साल की उम्र में आईपीएस में शामिल हुए थे। उनके पास भारतीय प्रबंधन संस्थान-बेंगलुरु और मैक्सवेल स्कूल ऑफ गवर्नेंस, सिरैक्यूज विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क से रिकॉर्ड की डिग्री भी है।

सीबीआई ने एक बयान में कहा कि अपनी 37 साल की सेवा के दौरान सूद ने कर्नाटक पुलिस में बेल्लारी और रायचूर के पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (यातायात), बैंगलोर शहर; पुलिस आयुक्त, मैसूर शहर और बैंगलोर शहर; अतिरिक्त पुलिस अनुमान; प्रधान सचिव (गृह); पुलिस विवरण (आंतरिक सुरक्षा) और पुलिस अनुमान (सी कार्य) सहित विभिन्न पद पर कार्य किया जाता है।

अपने व्यवहारिक दृष्टिकोण के लिए जाने वाले इस अधिकारी ने कई बड़े लोगों से जुड़े हाई प्रोफाइल मामलों और अंतरराज्यीय अंतरराष्ट्रीय एवं प्रभाव वाले मामलों की जांच की निगरानी की है। बयान में कहा गया है कि उन्होंने साइबर क्राइम और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में भी जांच की निगरानी की। तकनीकी सूचना अधिकारियों ने न्यायपालिका के साथ-साथ कर्नाटक में सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स) और यूजरजेएस (इंटरएपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम्स) को भी मजबूत करने के लिए काम किया।

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