मेरठ:
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने किसानों को गौ आधारित खेती परिवारों की सलाह देते हुए रविवार को कहा कि खेती के तरीके में बदलाव देश के लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए जरूरी हैं। भागवत ने भारतीय किसान संघ द्वारा हस्तिनापुर में आयोजित तीन दिवसीय गौ आधारित जैविक कृषि कृषक सम्मेलन में किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा, ”गौ खेती प्रकृति के चक्र को नहीं तोड़ती है। हमारे किसान परेशान हैं। उनकी सभी मांगें पूरी भी नहीं हो सकती हैं इसलिए खेती की लागत को कम करना चाहिए। ऐसा केवल गौ आधारित खेती से ही संभव है।”
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संघ प्रमुख ने कहा, ‘भारत में गाय दूध के लिए नहीं बल्कि खेती के लिए था। गौ आधारित कृषि से हम आज रासायनिक खेती के युग तक पहुंच गए हैं। इसका प्रभाव आज हमारे सामने है।’ भागवत ने पंजाब का उदाहरण देते हुए कहा कि रसायन विज्ञान के कारण पंजाब में ‘कैंसर ट्रेन’ चल रही है। इससे बचने के लिए आधुनिक तकनीक का प्रयोग पारंपरिक गौण आधारित जैविक कृषि की ओर लौटना होगा।
उन्होंने किसानों से कहा कि वे रसायन खेती छोड़ें गौ—आधारित खेती अपनीं। उन्होंने कहा, ”हमारी जमीन 10 हजार साल से भी ज्यादा नींद से जोती जा रही है। वह आज भी बहाना बनाता है। खेती की फसल को अनाप-शनाप कैसे बढ़ा कर हम उसका नुकसान देख चुके हैं। . हमारे पास खेती करने का सही रास्ता है और हमें उस रास्ते पर चलना होगा।”
भागवत ने कहा कि सरकार प्रचारक बदलेगी, लेकिन खेती और प्रकृति को बचाने का काम किसानों को ही करना होगा। इससे पहले, संघ प्रमुख ने हस्तिनापुर में महाभारत के ऐतिहासिक प्राचीन स्थानों की सैर की।
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एंडीटीवी टीम ने विरोध नहीं किया है, यह सिंडीकेट से सीधे प्रकाशित किया गया है।)