बारिश के कारण किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं
मुंबई :
अपने वर्गीकरण को लेकर मुंबई की ओर पैदल मार्च पर निकले महाराष्ट्र के किसानों को वासिंद में हुई अप्रत्याशित बारिश ने बेशक कुछ राहत दी है लेकिन इनहें शायद ही आज की रात नींद नसीब हो रही है। इस कारण यह है कि जहां ये रुके हुए मैदान हैं, वहां छींटाकशी और कीचड़ भरा हो गया है। ठाणे के वासिंद में सड़क के किनारे के दृश्यों में किसानों को भारी बारिश के बीच कार और ट्रकों में लगी प्लास्टिक की चादरों के नीचे छिपते हुए देखा जा सकता है। जहराब है कि निशान में भारी गिरावट के बाद नासिक के प्याज किसानों ने अपना मार्कअप लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए मुंबई की 200 किमी की यात्रा शुरू की है। इन किसानों की प्रमुख लेज़र में प्याज की खेती करने वाले किसानों को 600 रुपये प्रति क्विंटल की वित्तीय राहत देना, 12 घंटे तक असीमित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना और कृषि ऋण चुकाना शामिल है।
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मोयमंत्री बोले- बातचीत सकारात्मक रही
ज़ोरब है कि हजारों किसानों और आदिवासियों के मुंबई की ओर मार्च करने के बीच महाराष्ट्र के तालिका एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को कहा कि आंदोलनकारियों के प्रतिनिधियों के साथ उनकी बैठक सकारात्मक रही और सरकार इस मुद्दे पर कंजेशन देगी। चार दिन पहले नासिक जिले से शुरू हुआ मार्च मुंबई के पड़ोसी जिले में प्रवेश कर चुका है। सीएम एकनाथ शिंदे और उप भोपाल देवेंद्र फडणवीस ने यहां किसानों के नेताओं के एक प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की। मैंने बाद में सदस्यता से कहा, ”विस्तृत चर्चा हुई और यह सकारात्मक रही। विधायिका में (शुक्रवार को) इस पर बयान दिया जाएगा।”
नासिक जिले से शुरू की पैदल यात्रा थी
उत्तरी महाराष्ट्र के नासिक जिले में मुंबई की ओर बढ़ रहे किसानों और आदिवासियों के थाणे जिले में प्रवेश करने के बाद मंत्री दादा भुसे और अतुल सावे ने बुधवार देर रात किसानों के एक प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की थी। नामांकित ने विभिन्न दस्तावेजों को लेकर रविवार को मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर नासिक जिले के डिंडोरी शहर से अपनी पदयात्रा शुरू की थी।(भाषा से भी भेषभूषा)
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