पंजाब में कई जगहों पर अर्धसैनिक सैनिकों पर रोक लगा दी गई है।
नई दिल्ली :
पंजाब पुलिस की ओर से खालिस्तान समर्थक नेता पाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू करने के एक दिन बाद अकाली तख्ता जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सरकार से राज्य में आतंकवाद का माहौल बनाने से बचने के लिए कहा। अकाल तख्तापलट सिक्खों की सर्वोच्च संस्थाओं और जत्थेदार इसके प्रमुख होते हैं। उन्होंने एक कबूलनामे में कहा, “पंजाब पहले ही काफी कुछ जीत चुका है और अब बेहतर भविष्य की ओर बढ़ रहा है।”
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उन्होंने कहा कि पंजाब में हुए घटनाक्रम में गहरे घाव हो गए हैं और किसी भी सरकार ने उन्हें भरने के लिए कदम नहीं उठाया है।
उन्होंने कहा कि पिछले अंकों द्वारा भेदभाव के कारण सिख युवाओं में बहुत असंतोष है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग युवाओं का ब्रेनवॉश भी कर रहे हैं और अपने राजनीतिक लाभ के लिए उनका इस्तेमाल कर रहे हैं।
हरप्रीत सिंह ने कहा, ‘गलतियों से सीखे सिखों के लंबे समय से चले आ रहे धार्मिक, राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों को सरल बनाया जाना चाहिए और सिखों में उत्साह की भावना को दूर किया जाना चाहिए।’
उन्होंने कहा कि समय-समय पर होने वाले भेदभाव के कारण भारत की स्वतंत्रता के लिए सबसे अधिक बलिदान देने वाले सिखों में संरक्षण की भावना पैदा हुई है। वे मौजूदा किस्मों से अपने पूर्व की भिन्नता की समानता से सीखने का आग्रह करते हैं।
एकपक्षीय नेता के 78 समर्थक गिरफ्तारियां
धर्मगुरु का यह बयान ऐसे समय में आया है जब केंद्र और राज्य के स्वतंत्र नेता अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। खालिस्तान समर्थक समर्थक नेता अभी भी भइया है। हालांकि पुलिस उसके 78 बंधकों को गिरफ्तार कर चुकी है। उनके चार साथियों और उनके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों को असम के डिब्रूगढ़ लाया गया है।
अधिकारियों ने पंजाब में कई जगहों पर जोखिम बढ़ा दिया है। राज्य भर में इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर पाबंदी लग गई है। अमृतपाल के साथियों ने सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो शेयर किए थे, जिनमें दावा किया गया था कि उनका पीछा कर रहे हैं।
पुलिस की यह कार्रवाई अमृतपाल सिंह और उनके अत्याचार अपने एक सहयोगी द्वारा प्रकट होने के लिए तलवारें और बंदूकें लेकर एक पुलिस थाने में घुसने के एक महीने बाद शुरू हुई है। पुलिस थाने में हुई झड़पों में छह पुलिस अधिकारी घायल हो गए।