दिल्ली देहात से….

हरीश चौधरी के साथ….

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गणतंत्र दिवस की शाम राष्ट्र को संबोधित किया एनडीटीवी हिंदी एनडीटीवी भारत – भारत एक गरीब-निर्क्षर राष्ट्र से अब विश्वास से भरा राष्ट्र बन चुका है: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू -दिल्ली देहात से

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गणतंत्र दिवस की शाम राष्ट्र को संबोधित किया एनडीटीवी हिंदी एनडीटीवी भारत – भारत एक गरीब-निर्क्षर राष्ट्र से अब विश्वास से भरा राष्ट्र बन चुका है: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
-दिल्ली देहात से

[ad_1]

राश्ट्रपति के बारे में खास बातें

– 74 वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर, देश और विदेश में रहने वाले आप सभी भारत के लोगों को, मैं हार्दिक बधाई देता हूं। जब हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं, तब एक राष्ट्र के रूप में हम मिल-जुलकर जो प्राप्त करते हैं, उनका हम उत्सव मनाते हैं।

– हम सब एक ही हैं, और हम सभी भारतीय हैं। इतने सारे पंथ और इतने सारे ब्रह्मांड ने हमें विभाजित नहीं किया बल्कि हमें जोड़ा है। इसलिए हम एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में सफल हुए हैं। यही भारत का सार-तत्व है।

– भारत एक गरीब और निरक्षर राष्ट्र की स्थिति से आगे बढ़ते हुए विश्व-मंच पर एक विश्वास से भरा राष्ट्र बन चुका है। संविधान-निर्माताओं के सामूहिक रूप से मिले मार्गदर्शन के बिना यह प्रगति संभव नहीं थी।

– पिछले साल भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी उद्योग बना। यह उपलब्धि, आर्थिक रूप से वैश्विक स्तर पर प्राप्त हुई है। सक्षम नेतृत्व और प्रभावी संघर्ष के बल पर हम शीघ्र ही परिमाण से बाहर आ गए, और अपनी विकास यात्रा को फिर से शुरू किया।

– राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षार्थियों को 21वीं सदी की स्थति के लिए तैयार करते हुए हमारी सभ्यता पर आधारित ज्ञान को समकालीन जीवन के लिए प्रासंगिक बनाता है।

– हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियां पर गर्व का अनुभव कर सकते हैं। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, भारत गिने-चुने अग्रणी देशों में से एक रहा है।

– महिला विद्युतीकरण तथा महिला और पुरुष के बीच समानता अब केवल नारे नहीं रहे हैं। मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि महिलाएं ही आने वाले कल के भारत को स्वरूप देने के लिए अधिकतम योगदान देंगी।

– दृढीकरण की यही दृष्टि दिखावट और दिखावटी आक्षेप सहित, कमजोर अक्षरों के लोगों के लिए सरकार की कार्य-प्रणाली का मार्गदर्शन करती है। वास्तव में हमारा उद्देश्य न केवल उन लोगों के जीवन की बाधाओं को दूर करना है और उनके विकास में मदद करना है, बल्कि उन समुदायों से सीखना भी है।

– जनजातीय समुदाय के लोग, पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर समाज को और अधिक एकता बनाकर कई क्षेत्रों में सीख सकते हैं।

– इस साल भारत जी-20 देशों के समूह की अध्यक्षता कर रहा है। विश्व-बंधुत्व के अपने आदर्श के अनुरूप, हम सभी की शांति और समृद्धि के पक्षधर हैं। जी-20 की अध्यक्षता एक बेहतर विश्व के निर्माण में योगदान के लिए भारत को अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करता है।

– मेरे विचार से ग्लोबल वार्मिंग और वृक्षारोपण परिवर्तन ऐसी हैं वास्तविक प्रमाणता से करना है। वैश्विक तापमान में वृद्धि हो रही है और मौसम में बदलाव के चरम रूप दिखाई दे रहे हैं। विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए हमें प्राचीन विज्ञापनदाताओं को नई दृष्टि से देखना होगा। हमें अपनी मूल बातें पर भी जोड़ना होगा। यदि हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे इस धरती पर सुखमय जीवन चुनें तो हमें अपनी जीवन शैली को बदलने की आवश्यकता है।

– संयुक्त राष्ट्र ने भारत के सुझाव को स्वीकार किया है और वर्ष 2023 को ‘द इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स’ घोषित किया है। यदि अधिक से अधिक लोगों को अनाज को भोजन में शामिल करेंगे, तो पर्यावरण-संरक्षण में सहायता होगी और लोगों के स्वास्थ्य में भी सुधार होगा।

– मैं किसान, पहुंच, वैज्ञानिक और पहल की जिम्मेदारी करता हूं आज सामूहिक शक्ति हमारे देश को “जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान” की भावना के समान आगे बढ़ने में सक्षम बनाता है।

– मैं देश की प्रगति में योगदान देने वाले हूं। देशवासियों को आंतरिक सुरक्षा प्रदान करने वाले सभी अर्धसैनिक बल और पुलिस-बलों की बहादुर सील की भी मैं सक्रियता करता हूं। मैं सभी प्यारे बच्चों को उनके शानदार भविष्य के लिए दिल से आशीर्वाद देता हूं।

दिन का विशेष रुप से प्रदर्शित वीडियो

भारत के पूर्वी ज्ञान में खोने की बात को सेना ने बताया गलत, किया ये दावा

[ad_2]