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हरीश चौधरी के साथ….

कभी भारतीयों को लेनी पड़ती थी अंग्रेजों के सामने बैठने की इजाजत, ऐसा था सर्टिफिकेट -दिल्ली देहात से

कभी भारतीयों को लेनी पड़ती थी अंग्रेजों के सामने बैठने की इजाजत, ऐसा था सर्टिफिकेट
-दिल्ली देहात से

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हम सभी को पता है कि हमें आज़ादी कितनी मुश्किल से मिली है। अंग्रेजों को भारत से वातने के लिए देश के सभी लोगों ने मेहनत की है, जुल्म सहा है। कई कुर्बानियों के बाद हम आज गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। हम बचपन से ही अंग्रेजों के जुल्म के बारे में अनगिनत आ रहे हैं। मगर आज तमाम बाधाओं को पार कर हम दुनिया के सबसे बड़े डेमोक्रेटिक रिपब्लिक बने हैं। आज हम आज़ादी से अपनी बात कह रहे हैं, कहीं भी आ जा रहे हैं। देश में कहीं भी रह रहे हैं, मगर एक समय ऐसा भी था जब हमें अंग्रेजों के सामने बैठने के लिए परमिशन लेनी पड़ती थी। अंग्रेज हमें मिलने के लिए एक पासवर्ड देते हैं। उस यूजर को हमें दिखाएँ, फिर हम लोकेशन थे।

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इस पासवर्ड को यूपी के नेता राजा भैया ने अपना ट्विटर अकाउंट शेयर किया है। उन्होंने ट्वीटर के साथ एक बयान भी लिखा है। प्रमाणपत्र में उन्होंने लिखा है- आज़ादी अनमोल है, ये सबक़ हम सभी को याद कर रहे हैं।

देखें तो आज़ादी हमारे लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी है। इस आज़ादी के लिए हमारे महत्वाकांक्षी लोगों ने काफी संघर्ष किया है। सोचिए, हम मिलने के लिए अकाउंट बना चुके थे। ट्वीट को देश के प्रसिद्ध उद्योपति हर्ष गोयनका ने भी 13 अगस्त 2022 को शेयर किया था।

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इस पासवर्ड में लिखा है- स्वतंत्रता-पूर्व के दिनों में भारतीयों को ब्रिटिश अधिकारी की प्रतीक्षा में कुर्सी पर बैठने की अनुमति तब तक नहीं दी जाती थी जब तक कि उनके पास यह प्रमाणपत्र न हो। चिंतन अवश्य करें……वे जो हमारी स्वतंत्रता को हल्के में लेते हैं!

मतलब ये है कि आज़ादी से पहले, भारतीयों को ब्रिटिश अधिकारियों के बैठने की इजाज़त नहीं थी। मिलने के लिए अकाउंट बना रहा था। आज़ादी के महत्व को समझें।

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