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यूएस, यूके या चीन नहीं। दुनिया के सबसे खराब काम करने वाले हैं… -अमेरिका-यूके या चीन नहीं… ये है दुनिया का सबसे ज्यादा काम करने वाला देश -दिल्ली देहात से

यूएस, यूके या चीन नहीं।  दुनिया के सबसे खराब काम करने वाले हैं… -अमेरिका-यूके या चीन नहीं… ये है दुनिया का सबसे ज्यादा काम करने वाला देश
-दिल्ली देहात से

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साल 2017 में फ्रांस में कर्मचारियों पर दबाव डालने के कारण “डिस्कनेक्ट करने का अधिकार” कानून लाया गया।

पेरिस:

9 बजे से 5 बजे की नौकरी अब इतिहास बन चुकी है। घर में भी ऑफिस का काम लेकर रहते हैं, दिनभर अपना ईमेल और मैसेज चेक रहते हैं, हालांकि आपकी नौकरी का एक हिस्सा है, जिसकी ड्यूटी करने के बाद भी आप रहते हैं। काम कल्चर और प्रेशर में काम करने की बात आती है, तो सबसे पहले अमेरिका, ब्रिटेन की रणनीति बनती है। बेशक अमेरिकियों ने “जल्दी में काम करने के कल्चर” को लोकप्रिय बनाया है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि वहां सबसे ज्यादा काम नहीं होता है, बल्कि फ्रांस के लोग सबसे ज्यादा काम करते हैं यानी वे सबसे ज्यादा वर्कहॉलिक हैं। एक प्रोफाइल सर्वे में ये जानकारी दी गई है।

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ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, स्वास्थ्य बीमाकर्ता बुपा ग्लोबल के सर्वेक्षण में पाया गया कि 10 में से लगभग 4 फ्रांसीसी व्यवसायी नेताओं ने नियमित ब्रेक के बिना लंबे समय तक काम करने की बात स्वीकार की है। वैश्विक औसत का 25% अमेरिका, चीन और ब्रिटेन के स्तर से कई अधिक है। सर्वेक्षण में पाया गया कि किसी भी देश के जावासी फ्रांसीसी अधिकारियों को अपने व्यक्तिगत खाते के बारे में सबसे अधिक चिंता थी। सर्वे में रिसर्चरों ने पाया कि उनके संगठन की वर्तमान आर्थिक संबंधों के बारे में चिंता, वैश्विक साथियों से खुद की तुलना ने उनकी कार्यशैली में योगदान दिया।

बूपा ग्लोबल के नौकरशाही निदेशक एंथोनी कैबरेली ने कहा, “बाहरी आर्थिक दबाव और स्वयं पर जिम्मेदारी निर्धारण की प्रवृत्ति यह प्रधानता फ्रांसीसी अधिकारियों को सबसे अधिक काम करने में योगदान दे सकती है।”

फ्रांस के वर्कप्लेस पॉलिसी और लाइफस्टाइल हैरान कर सकते हैं। ज्यादातर ब्लू-कॉलर और सेवा कर्मचारी 35-घंटे के कार्य सप्ताह के तहत आते हैं। साल 2017 में फ्रांस में कर्मचारियों पर दबाव डालने के कारण “डिस्कनेक्ट करने का अधिकार” कानून लाया गया। ऐसा कानून लागू करने वाला फ्रांस पहला यूरोपीय राष्ट्र बन गया। इस कानून की ड्यूटी खत्म होने के बाद ईमेल या मैसेज चेक करने से उन्हें मिल गया। फ्रांस में साल 2000 से एक हफ्ते में 35 घंटे काम करने का नियम है, लेकिन स्मार्ट फोन व ईमेल की तरह, ओजोन के दिमाग से कर्मचारियों को इससे ज्यादा काम करना पड़ रहा था।

वहीं, कोरोना महामारी के दौरान संबंधित कार्य प्रभावित होकर अन्य देशों को समान कानून प्रस्तावित करने के लिए प्रेरित किए। फ़्रांसीसी लेबर लॉ के किसी भी क़ानून को अपने डेस्क पर भी नज़रअंदाज़ किया गया है। हालांकि, इस नियम के बढ़ने के दौरान इस नियम को सस्पेंड कर दिया गया था।

बुपा सर्वे के अनुसार, अगस्त और सितंबर में आठ क्षेत्रों में 2439 हाई नेट वाले व्यक्तियों से पूछताछ करने वाले अधिकारियों के समकक्ष कार्यालय में जाने वाले अधिकारियों के बीच काम करना अधिक आसान था।

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