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NDTV-CSDS सर्वे हर तीसरा भारतीय कहता है मोदी राज में आर्थिक स्थिति में सुधार – NDTV-CSDS सर्वे: हर तीसरा शख्स बोला- 4 साल में सबसे ज्यादा हुई आर्थिक स्थिति, 22% मानते हैं खराब हुई बुरी हालत -दिल्ली देहात से

ओवरऑल आर्थिक स्थिति बेहतर है
एनडीटीवी ने सीएसडीएस के साथ मिलकर सर्वे ‘पब्लिक ओपिनियन’ में 35 फीसदी उत्तरदाताओं के मुताबिक पिछले चार सालों में उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है और 42 फीसदी लोगों की आर्थिक स्थिति जस की तस बनी है, यानी इसमें कोई गिरावट नहीं आई है। NDTV-CSDS सर्वे में शामिल लोगों से सिर्फ 22 फीसदी के हिसाब से उनकी मामूली हालत में गिरावट आई है। इस आंकड़े को इस संदर्भ में देखा जा सकता है कि इसी अवधि में दुनिया के लगभग सभी देशों की माली हालत पकड़ में आई है, लेकिन भारत की स्थिति काफी बेहतर रही है।

वैश्विक छाया के बादलों के बीच हाल ही में विश्व मुद्रा कोष (IMF) के एशिया-प्रशांत विभाग के उप-निदेशक ऐनी-मैरी गुल्डे-वुल्फ ने कहा था कि “भारतीय उद्योग का प्रदर्शन अच्छा है और वह सबसे तेज़ रफ़्तार से बढ़ रहा है एशियाई उद्योग बनी हुई है… इसके अलावा, भारतीय उद्योग में सबसे अधिक तेज़ी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाएँ भी शामिल हैं…”

कुछ ही समय पहले विश्व बैंकों के वरिष्ठ अर्थशास्त्री ध्रुव शर्मा ने भी NDTV से बातचीत में कहा था कि आर्थिक मोर्चों पर वैश्विक स्तरों पर ढेर के बाद भी भारत दुनिया की सबसे तेज़ गति से बढ़ती उद्योगीकरण बना रहेगा। ध्रुव शर्मा ने कहा था, “हमारा इस साल भी समझ में आ गया है कि इंडिया तेजी से विकास करेगा और उसके परफॉरमेंस अब भी टॉप-पर फार्मिंग मुल्कों में बना रहेगा…”

आज, बुधवार को ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी एक कार्यक्रम में घोषणा की कि “वित्तवर्ष 2022-23 के लिए अनुमान है कि जीडीपी में 7 प्रतिशत की गिरावट रहेगी, लेकिन यह भी अनुमान है कि वृद्धि से भी अधिक हो सकता है… किसी आश्चर्य की बात नहीं होगी, अगर पिछले साल का जीडीपी विकास दर 7 फीसदी से थोड़ा ऊपर आ जाए…”

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गाँव-शहर में भी आर्थिक स्थितियाँ
एनडीटीवी-सीएसडीएस सर्वे के सैटेलाइट में सामने आया है कि ग्रामीण इलाकों में रहने वालों की आर्थिक स्थिति के मुताबिक 33 फीसदी सुधार हुआ है, जबकि शहरों में रहने वालों से 40 फीसदी को लगता है कि उनकी आदत में सुधार हुआ है। ग्रामीण इलाकों के 43 प्रतिशत और शहरी 40 प्रतिशत लोगों के अनुसार, उनकी खराब स्थिति जस की तस बन गई है। 23 प्रतिशत और शहरों में रहने वालों से 18 प्रतिशत के अनुसार, उनकी आर्थिक स्थिति में गिरावट आई है।

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कैसे किया गया सर्वे?
एनडीटीवी और लोकनीति – सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपमेंट सोसाइटीज (सीएसडीएस) ने यह सर्वे भारत के 19 राज्यों के 71 जिलों में किया, जिसके तहत कुल 7,000 से अधिक लोगों से अलग-अलग मुद्दों पर सवाल-जवाब किए गए। 10 से 19 मई, 2023 के बीच किए गए इस सर्वे में शिरकत करने वालों में समाज के सभी झपकी के रैंडमली फिर गए लोग शामिल हुए।

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