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एनसीपी शरद पवार ने दिल्ली ट्रांसफर पोस्टिंग पर केंद्रीय अध्यादेश में अरविंद केजरीवाल को समर्थन दिया -दिल्ली देहात से


अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से कहा, “जो लड़ाई 8 साल में हमने देखा उसे सेंटर सरकार ने 8 दिन में हरियाली लाकर गिरा दिया। को चाहने वाले लोगों को मैं जुड़ रहा हूं। शरद पवार देश के सबसे बड़े नेताओं में से एक है। “

मुंबई में अरविंद केजरीवाल के साथ पंजाब के सांसद भगवंत मान, आम आदमी पार्टी से सांसद संजय सिंह, राघव चड्‌डा, दिल्ली सरकार के मंत्री आतिशी भी मौजूद हैं।

शरद पवार ने क्या कहा?
वहीं, शरद शरद ने कहा, “ये बहुत महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस हैं। क्योंकि देश में जो समस्या पैदा हुई है, इसकी पहली चर्चा हुई है। देश में लोकतंत्र की व्यवस्था पर हमला हो रहा है। ये समय सिर्फ बहस करने का नहीं है। ये समय प्रजातंत्र को बचाने का है। मेरी पार्टी की तरफ से अरविंद केजरीवाल का समर्थन करने का फैसला किया है। राजनीति में मैं 56 साल हो गए। ये सवाल दिल्ली का नहीं, बल्कि पूरे देश का है। अन्य राज्यों में जहां भी जरूरत है होगा, वहां हम देखेंगे। हम उनका साथ देंगे।”

मिलने के बाद शरद पवार ने कहा, “देश में संकट है और दिल्ली तक सीमित नहीं है। एनसीपी और महाराष्ट्र के जनता शाहरुख के समर्थन करते हैं। हम शाहरुख का समर्थन करने के लिए अन्य नेताओं से भी बात करेंगे। हम सभी गैर- भाजपा कार्यकर्ता को एक साथ आने पर ध्यान देना चाहिए। यह सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है कि सभी गैर-बीजेपी दल अरविंद केजरीवाल का समर्थन करें।”

ममता-नीतीश से मिल लेंगे स्मार्टफोन
मर्जर के खिलाफ प्रमाण के लिए सब्सक्राइबर ब्रॉडबैंड ठाकरे, ममता दीदी और न्युनीक कुमार भी मिल गए हैं। सभी नेताओं ने संसद में सब्सक्राइबर का समर्थन करने की बात कही है। उद्दर, केजरीवाल के समर्थन को लेकर कांग्रेस के दो गड्ढों में फूट नजर आई। पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल मंच के खिलाफ आप को समर्थन देने की बात कह रहे हैं। वहीं, दिल्ली में पार्टी के नेता अजय माकन ने समर्थन से इनकार किया। अब इस मुद्दे पर आप और कांग्रेस के नेताओं के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है।

वोटिंग-पोस्टिंग पर क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को फैसला दिया कि दिल्ली में सरकारी अफसरों की तारीख हुई सरकार का ही कंट्रोल रहेगा। 5 जजों के संविधान पीठ ने एक राय से कहा- ‘पब्लिक ऑर्डर, पुलिस और जमीन को छोड़ दें उप-राज्यपाल बाकी सभी मामलों में दिल्ली सरकार की सलाह और सहयोग से ही काम करेंगे।’

केंद्र ने रूपरेखा जारी की
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 7 दिन बाद केंद्र सरकार ने 19 मई को दिल्ली सरकार के अधिकारों पर निर्णय जारी कर दिया। क्रमांक के अनुसार, दिल्ली में अधिकारियों के वोटिंग- पोस्टिंग का आखिरी फैसला उपराज्यपाल यानी एलजी का होगा। इसमें कोई अधिकार नहीं होगा। ​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​ कि अब 6 महीने के अंदर इसके तहत आरएसआई कानून भी बनाया जाएगा।

सेंटर ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ कई तरह की याचिका दायर की है
दिल्ली में आवंटन-पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार 19 मई को फैसला आने के ठीक एक दिन बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। केंद्र ने संवैधानिक बेंच द्वारा 11 मई के फैसले पर सर्वोच्च न्यायालय को फिर से विचार करने की अपील की है।

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