करोड़पति प्रवासन का रुझान: साल 2022 में 12% अरबपतियों ने न्यूयॉर्क छोड़ा।
नई दिल्ली:
करोड़पति और अरबपतियों का प्रवासन का चलन: ऐसा लग रहा है कि वैश्विक के अरबपतियों को अब न्यूयॉर्क, मॉस्को, बीजिंग जैसे बड़े शहर रास नहीं आ रहे हैं। यही वजह है कि उन्होंने अब अपना नया ठिकाना बनाना शुरू कर दिया है। बीक्यू प्राइम की रिपोर्ट के अनुसार सिंगापुर, मयामी और दुबई अरबपतियों का नया ठिकाना बन रहा है। जी हां, पिछले काफी समय से ऐसा देखा जा रहा है कि मिलियेनर्स और बिलियेनर्स सिंगापुर, मायामी और दुबई जैसे देशों की ओर रुख कर रहे हैं। ये वो 3 शहर हैं दुनिया भर में जहां के अरबपति लगातार जुड़ रहे हैं। हालांकि, ऐसा नहीं है कि सिर्फ इन शहरों की खूबसूरती, बीच और साफ समंदर की वजह से ही ये अरबपतियों का फेवरेट डेस्टिनेशन बन रहा है, बल्कि इसकी कई और वजहें भी हैं। तो इस बारे में आपके विवरण में विवरण हैं…
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दरअसल, COVID के बाद दुनिया भर में काम करने का तरीका बदल गया है। COVID के दौरान उत्पन्न स्थिति ने यह समझा दिया कि वरिष्ठ कार्यालय से भी आराम से काम किया जा सकता है। अब जब काम की रुकावट दूर हो जाए तो और क्या खाना चाहिए? इसके बाद एक ऐसा शहर चाहिए जहां टैक्स कम हो, क्राइम कम हो, अटैचमेंट ज्यादा हो, इंफ्रास्ट्रक्चर हो और साथ में दिलकश नजारे भी हों।
साल 2022 में 12% अरबपतियों ने न्यूयॉर्क छोड़ा
एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 में 12% अरबपतियों ने न्यूयॉर्क छोड़ दिया तो वहीं, 14% अरबपतियों ने हांग कांग को छोड़ दिया है। जबकि मॉस्को सिटी को सबसे ज्यादा यानी 15% अरबपतियों ने छोड़ दिया है। जिसके बाद कुछ अरबपति सिंगापुर (सिंगापुर) तो कोई दुबई (दुबई) का रुख कर रहे हैं। इन बड़े शहरों से निकल कर वे अब मायामी (मियामी), सिंगापुर और दुबई शटल हो रहे हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि इन शहरों में इन अरबपतियों की एंट्री के लिए दरवाजा खोल दिया गया है।
सिंगापुर दे रहा है अट्रैक्टिव टैक्स इंसेंटिव तो दुबई में गोल्डन वीजा
आपको बता दें कि ये शहर लग्जरी प्रॉपर्टी मार्केट के लांघने से भी टॉप 3 में होता है। यहां रियल टेक्सट की सबसे ज्यादा तेजी की उम्मीद जा रही है। इसके अलावा सरकारें स्थिर हैं, जलवायु सूक्ष्मतम है और जीवनशैली शानदार है। इसके अलावा सिंगापुर आपको अट्रैक्टिव टैक्स इंसेंटिव हैं तो दुबई गोल्डन वीजा दे रहा है। ये शहर खुद आपको इनवाइट कर रहे हैं। आपके बैंक खाते में करोड़ों रुपये होना चाहिए।
मायामी-दुबई फ्लाइट का बिजनेस क्लास अब हर रोज फुल
आउट कैपिटल के फाउंडर और रॉकफेलर इंटरनेशनल के शेयर, इंटरेस्टिंग ब्रेक शर्मा (रुचिर शर्मा), फाइनेंशियल टाइम्स में लिखते हैं, ‘पूंजीवादी शहर अब एक दूसरे के करीब आ रहे हैं। मुझे बताया गया कि मायामी-दुबई फ्लाइट का बिजनेस क्लास अब हर रोज फुल रहता है। इसका सीधा संबंध अमेरिकन इंटरप्रेन्योर्स और मिडिल ईस्ट की ऑयल वेल्थ से है। जिंबाब्वे सहित कई और देश हैं जो दुबई की असंभवता को दोहराना चाहते हैं।’
ये है अरबपतियों की उदासियों की बड़ी वजह
न्यूयॉर्क में टैक्स की टॉप पोल और अरबियों को लेकर अंदर-अंदर उपनेता विरोध करता है जिसकी वजह से वहां से इन अमीरों का दुख हो रहा है। मॉस्को में रूस-यूक्रेन युद्ध का असर है और बीजिंग में सरकारी कामकाज का दबाव ऐसे लोगों को देश में नौकरी पर रहने पर मजबूर कर रहा है।