हाई कोर्ट का आदेश गुप्त की आधिकारिक सरकार के लिए झटका माना जा रहा है
नई दिल्ली :
गणतंत्र दिवस परेड पर इंटरनेट के. चंद्रशेखर राव सरकार को कोर्ट में राज्यपाल के खिलाफ नवीनतम राउंड में शिकस्तत मिला है। हाई कोर्ट ने आदेश जारी किया है कि गणतंत्र दिवस के लिए पूर्ण परेड राजभवन के स्थान पर सिकंदराबाद के नियमित परेड ग्राउंड में आयोजित किया जाएगा। राज्य सरकार ने शुरुआत में कोविड का हवाला देते हुए लगातार दूसरे साल इसे रद्द कर दिया था। जब राजभवन में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था तो सरकार ने इसमें भी चयन करने का निर्देश दिया था। इस स्थिति में इस साल लगातार दूसरी बार ऐसा हुआ है, जब राज्यपाल, राज्य पुलिस के अधिकृत परेड का निरीक्षण नहीं कर रहे हैं और अलेक्जेंडराबाद के परेड ग्राउंड में गार्ड ऑफ ऑनर पोज़िशन नहीं ले रहे हैं.
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आज सुबह उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई, जिसमें कहा गया कि सरकार, गणतंत्र दिवस पर आयोजित होने के लिए केंद्रीय सर्कुलर का उल्लंघन कर रहा है, जिसे केंद्र और राज्यों ने महामारी के कारण दो साल तक छोड़ दिया था। इस वर्ष के केंद्रीय सर्कुलर में निर्देश दिया गया था कि सभी राज्यों में छात्रों को शामिल करते हुए पूर्ण समारोह आयोजित किए जाएं। उच्च न्यायालय के आदेश पर सरकार का जवाब अभी सामने नहीं आया है।
बता दें, सम्बद्धता की पत्र तमिलिसाई सौंदरराजन ने 2019 में कार्यभार संभाला है, लेकिन अनियमित सरकार के साथ उनके संबंध दो साल से अधिक समय से तनावपूर्व हैं, जो उन पर अटके होने की संभावना लगभग आम है। पिछले साल, सभी सरकार के यह कहने के लिए कोविड प्रोटोकॉल के कारण परेड ग्राउंड पर समारोह नहीं हो सकता है, अलयपाल ने गणतंत्र दिवस पर राजभवन में झंडा फहराया था। राज्यपाल के भाषण की परंपरा को भी इस साल तोड़ दिया गया है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अयपाल कार्यालय की ओर से अलये सरकार जाने के बावजूद कोई भाषण नहीं भेजा गया है। इस घटना से सभी पाल खफा हैं। एक अन्य परंपरा को तोड़ा गया, राज्यपाल 3 फरवरी को बजट सत्र की शुरुआत में विधान के दोनों सदनों को दे देंगे परंपरा संयुक्त अभिभाषण नहींगी। ज़ोस्टरब है कि तमिलनाडु में हाल ही में वायपाल सूर्य ने राज्य विधानसभा में सरकार की ओर से अभिभाषण से हटकर जुड़ गया था। इसके बाद राज्य सरकार और राजभवन के बीच पहले से टकराव वाले संबंध में तनाव आ गया था।
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