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अकाल तख्त के जत्थेदार ने अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई के बाद पकड़े गए सिखों की रिहाई के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया – अकाल तख्त के जत्थेदार ने सिख युवकों को रिहा करने के लिए सरकार को 24 घंटे का समय दिया -दिल्ली देहात से

जत्थेयर का दावा- करीब 400 सिख युवकों को ‘गिरफ्तार’ किया गया था

अमृतसर:

कट्टरपंथी उपदेशकपाल अमृत सिंह अभी तक भइरा है। इस बीच पुलिस के कई टीम सर्च ऑपरेशन में जुटी हैं। अमृतपाल के कई करीबियों को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है। इस बीच अकाल तख्ता के जत्थेदार ज्ञानी हरपीत सिंह ने सोमवार को राज्य सरकार को उन सभी युवकों को रिहा करने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया, जिनमें कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह और उनके सहयोगियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के दौरान हिरासत में लिया गया है। पंजाब के आरक्षित भगवंत मान ने कहा कि उन्होंने पुलिस से उन लोगों को रिहा करने के लिए कहा है जिन पर मुकदमा चलाया गया था और उनकी किसी भी राष्ट्र-विरोधी स्थिति में संलिप्तता नहीं पाई गई। जालंधर में एक कार्यक्रम से दूसरे मान ने कहा कि जो भी राज्य में शांति भंग करने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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पंजाब के महामंत्री भगवंत मान ने अकाल तमत की मांग पर कहा, “कानून आप काम कर रहे हैं, पंजाब में भाई करित बना हुआ है। मैंने डीजीपी साहेब और डीजी इंटेलिजेंस को भी कहा है कि जिनको खुले समझौते के तौर पर गिर गया है” और उनका कोई रोल नहीं है, उन्हें तुरंत छोड़ दें और कल भी कई लड़कों ने छोड़ दिया।

जत्थेयर ने पुलिस कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाने के लिए राज्य सरकार की निंदा की। सिखों की सर्वोच्च अकाल तख्ता के जत्थेदार ने यहां सिच एनजीओ, बुद्धिजीवियों, सिक्ख लोगों, पत्रकार, धार्मिक और सामाजिक नेताओं की बैठक बुलाई थी, जिसमें 18 मार्च को अमृतपाल के नेतृत्व वाले संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई के बाद में पंजाब के मौजूदा हालात पर हड़कंप मच गया।

जत्थेदार ने सभा को संबोधित करते हुए पंजाब सरकार को सभी सिख युवकों को रिहा करने के लिए 24 घंटे का समय दिया और कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया, तो सिख समुदाय का क्रोध उपनेता रहेगा। उन्होंने कुछ टीवी चैनलों पर कथित तौर पर हमला भी किया और आरोप लगाया कि उन्होंने कथित तौर पर उन युवकों को अलगाववादी बताया जो सिखों के खिलाफ़ द्वेष फैलाते हैं। जत्थेयर ने राज्य सरकार से एनएसए की जमानत में कुछ लोगों को वापस लेने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि असम में डिब्रूगढ़ जेल भेजे गए लोगों को पंजाब वापस लाया जाना चाहिए, अन्यथा कानून अपना काम कर सकता है।

उन्होंने कहा कि यह कहना गलत होगा कि हिरासत में लिए गए सिखों से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। जत्थेयर ने कहा कि वह उन ‘निर्दोष सिखों’ की पूरी मदद करेंगे, जिन्हें इस मामले में पकड़ा गया है। जत्थेदार ने दावा किया कि लगभग 400 सिख युवकों को ‘गिरफ्तार’ कर दिया गया था और 198 को रिहा कर दिया गया है, लेकिन सिख समुदाय सभी सिखों को गिरफ्तार करना चाहता है।