दिल्ली देहात से….

हरीश चौधरी के साथ….

जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस के बिना कोई भी विपक्षी मोर्चा असंभव है एनडीटीवी हिंदी एनडीटीवी इंडिया – कांग्रेस के बिना कोई विरोध मोर्चा संभव: दिग्गज कांग्रेसी नेता जयराम रमेश -दिल्ली देहात से


प्रश्न: जेपीसी की मांग पर पर जाति क्यों है, बेरोजगार कांग्रेसी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का रुख कांग्रेस से अलग नजर आता है?

उत्तर: परजाति नहीं है। टीएमसी हमारे साथ नहीं है, उनका कारण होगा, हम उसके बारे में कुछ नहीं कहेंगे। राकांपा ने ईडी को भेजे गए पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। उन्होंने पहले बताया था कि वे इसके समर्थन में हैं, कुछ मजबूरियां हैं, वे इस पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते। 16 पार्टनर हैं, जो एकता जेपीसी (संयुक्त सदस्यता समिति) की मांग कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री जेपीसी का गठन करने में क्यों हिचकिचा रहे हैं… अगर कुछ छिपाना नहीं है, तो नीयत साफ है, तो प्रधानमंत्री जेपीसी का गठन करें। खास इस जेपीसी में अध्यक्ष बीजेपी का होगा, उनकी पार्टी के सदस्यों की संख्या भी ज्यादा होगी, फिर सत्ता पक्ष को इतनी घबराहट क्यों है?

प्रश्न: संसद में गतिरोध के बीच कुछ चुनावी राय है कि ब्रिटेन में दिए गए दावों से जुड़े विवाद का राहुल गांधी की छवि पर विरोध प्रभाव पड़ा है, आपका क्या कहना है?

जवाब: बीजेपी की परेशानी में है, बौखलाई है, क्योंकि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की सफलता से न सिर्फ कांग्रेस पार्टी, बल्कि राहुल गांधी की छवि में भारी बदलाव आया है। यह यात्रा हमारे लिए और हमारे संगठन के लिए ‘बूस्टर डोज’ साबित हुई है। लोग राहुल गांधी जी को नए नजरिये और अंदाज से देख रहे हैं। इसलिए राहुल गांधी जी और कांग्रेस को बदनाम करने के लिए फिर से यह प्रयास किया जा रहा है। यह भाजपा की रणनीति है।

सवाल: राहुल गांधी ने लंदन में जो कहा है, उसे लेकर बीजेपी का कहना है कि उन्होंने भारत में अमेरिका और यूरोप से हस्तक्षेप करने का आदेश दिया है?

जवाब: राहुल गांधी जी के बयान का वीडियो है, आप उन्हें सुन सकते हैं, देख सकते हैं। उन्होंने कभी ऐसा नहीं कहा, इंटरवेंशन शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने यही कहा कि हमारे देश में लोकतंत्र मजबूत होना चाहिए, अगर भारत में लोकतंत्र मजबूत होगा तो इसका फायदा न सिर्फ भारत को होगा, बल्कि पूरी दुनिया को होगा। जो लोग इल्जाम लगा रहे हैं, वे पूरी तरह से झूठ बोल रहे हैं। यह केवल ध्यान लगाने की कोशिश है। राहुल गांधी ने कभी ऐसा कोई बयान नहीं दिया।

प्रश्न: टीएमसी और स्पा जैसे कुछ विपक्षी पार्टियां ‘तीसरे मोर्चों’ की पैरोकारी करती नजर आ रही हैं, क्या यह विरोध एकता के लिए झटका नहीं है?

जवाब: टीएमसी, समाजवादी पार्टी या अन्य दलों के लोग जीतेंगे, तीसरा मोर्चा (तीसो मोर्चा), चौथा मोर्चा (चौथा मोर्चा) बनेगा, लेकिन निर्णय लेना कांग्रेस का होना जरूरी है। अगर किसी संबंध का कोई गठबंधन बनता है, तो इसमें शामिल कांग्रेस की मुख्य भूमिका होगी। कांग्रेस के बिना कोई भी मोर्चा संभव नहीं है। लेकिन, इस बारे में बात करना बहुत जल्दबाजी है। अभी कर्नाटक का चुनाव है, उसके बाद जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम के चुनाव हैं।

इस साल हम पूरी तरह से राज्यों के विधानसभा चुनाव में जीते हैं, 2024 के विधानसभा चुनाव के बारे में हम बाद में देखते हैं। अभी तो मुलाकात होती रहेगी, ‘पोजीशनिंग’ होती रहेगी कि मैं चौथा फ्रंट लूंगी, मैं फोर्थ फ्रंट करूंगी, मैं पांचवां फ्रंट लूंगी, ये सब रन बने रहेंगे।

सवाल: ‘तीसरे मोर्चों’ की इस कवायद को लेकर कांग्रेस का आगे क्या कदम होगा?

जवाब: किसी भी विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस का होना जरूरी है, लेकिन कांग्रेस की प्राथमिकता मौजूदा कर्नाटक चुनाव और फिर अन्य राज्यों के चुनाव हैं। 2024 के चुनाव के बारे में जो भी रणनीति तैयार की जाती है, उससे परिचित होकर बातचीत की जाती है, वो हमारे अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे और हमारे वरिष्ठ नेता करेंगे।

(इस खबर को एंडीटीवी टीम ने नाराज नहीं किया है। यह सिंडीकेट से सीधे प्रकाशित किया गया है।)