क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा कि भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वर्ष 2022 में 3,500 अरब डॉलर से अधिक रहा और अगले पांच वर्षों तक यह जी20 समूह में सबसे तेजी से बढ़ती उद्योगीकरण रहेगा। अमेरिकी रेटिंग एजेंसी ने एक शोध रिपोर्ट में भारत की वृद्धि को लेकर आशावादी नजरिया पाने के साथ निर्णय-प्रक्रिया में शामिल होने के रुख को लेकर आशंका भी जताई है। उसने कहा कि चौनी का लेटलतीफी वाला रवैया प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ संदेहास्पद) लक्ष्य के तौर पर भारत के आकर्षण को कम कर सकता है।
मूडीज के मुताबिक, भारत की गति गति पर दौड़ने की दिशा में फड़कने में रुकावट आ सकती है। इस प्रक्रिया में लाइसेंस लेने और कारोबार शुरू करने की अनुमति दी जा सकती है।
मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने रिपोर्ट में कहा, ”निर्णय-निर्माण प्रक्रिया में शामिल भारत के शीर्ष नौ इस क्षेत्र के इंडोनेशिया और वियतनाम जैसे दूसरे विकासशील देशों के चलते एक एफ डब्ल्यूट डेस्टिनेशन के तौर पर भारत के आकर्षण को घटाएगा।”
हालांकि, भारत की एक बड़ी युवा एवं शिक्षित कार्यशक्ति, छोटी-छोटी बढ़ती संख्या और शहरीकरण से आवास, और नई कारों के लिए तलाशें। इसके अलावा ढांचागत क्षेत्र पर सरकारी खर्च बढ़ने से एकाधिकार कारोबार और शुद्ध-शून्य संबद्धता से संबद्ध ऊर्जा में निवेश बढ़ेगा।
रिपोर्ट के अनुसार, मैन्युफैक्चरिंग एवं ढांचागत क्षेत्रों में मांग इस दशक के बाकी समय में भारतीय मार्केटिंग ब्लूप्रिंट 3-12 प्रतिशत की दर से चुनी गई है। इसके बावजूद भारत की क्षमता वर्ष 2030 तक चीन से पीछे रहेगी।
मूडीज ने कहा कि क्षेत्रीय व्यापार मंडल को लेकर भारत के सीमित उदार जुड़ाव का भी विदेशी निवेश आकर्षित करने पर असर डालेगा।
हालांकि, भ्रष्टाचार पर नकल करने, आर्थिक गतिविधियों को संगठित करने और कर संग्रह एवं प्रशासन को बेहतर करने के सरकारी प्रयास उत्साहजनक हैं लेकिन इन कोशिशों के प्रभाव को लेकर जोखिम भी जुड़े हैं।