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मणिपुर मोरेह पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह, सुरक्षा की समीक्षा के लिए कुकीज़ और अन्य समुदायों से मिले -दिल्ली देहात से

गृह मंत्री अमित शाह ने मणि के लोगों से शांति की अपील की है।

इंफाल:

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को भारत-म्यांमार सीमा पर स्थित मणि के मोरेह का दौरा किया। वे कुकी समुदाय के लोगों से मिलते हैं। इसके अलावा वे वहां सुरक्षा उपायों की समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि शाह सोमवार रात को विमान से इंफाल पहुंचे। उन्होंने दोपहर में कांगपोकपी जिले का दौरा किया और विभिन्न अंगों की बैठक की।

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केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ”केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मणि के मोरेह में कुकी समुदाय के प्रतिनिधियों से आज बैठक की.” अधिकारी ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर एक अलग पोस्ट में कहा कि वे मोरेह में रहते हैं वाले कुछ तमिल फ़ाइलों सहित विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों से भी मिलते हैं।

शाह ने कहा, ”मोरेह में कुकी और अन्य समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। उन्होंने मोदी में सामान्य स्थिति बहाल करने में सरकार की पहल को मजबूत समर्थन देने का वादा किया है।”

उन्होंने कहा कि शाह ने तेंगनुपाल जिले के मोरेह में विभिन्न केंद्रीय और राज्य सुरक्षा बलों के अधिकारियों के साथ सुरक्षा समीक्षा बैठक भी की। शाह ने ट्वीट किया, ”मोरेह (मणिपुर) में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सुरक्षा की स्थिति का जायजा लिया.”

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन कुमार डेका इस यात्रा में शाह के साथ हैं। हालांकि इन में शामिल हों एन. बीरेन सिंह शामिल नहीं हुए थे।

हिंसा ग्रस्त प्रवृत्ति में शांति बहाली के अपने प्रयासों के तहत केंद्रीय गृह मंत्री ने मंगलवार को मैतेई और कुकी समुदाय के प्रतिनिधियों की बैठक की। इसके अलावा उन्होंने जातीय हिंसा से त्रस्त राज्य में इस तरह की घटनाओं के मद्देनजर सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने शाम को सर्वदलीय बैठक भी की। मणिबंध के चार दिवसीय दौरे पर हैं और राज्य में शांति बहाल करने का प्रयास कर रहे हैं।

मंगलवार को मैतेई और कुकी समुदाय के लोगों ने शांति के लिए समझौते किए और दर्ज किए गए कि वे आपदाग्रस्त राज्य में शांति की दिशा में काम करेंगे। शाह ने मंगलवार को दीपनगर पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीए पीएफ) और इंफाल में सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सुरक्षा समीक्षा बैठक की।

उन्होंने कहा कि चमड़ी की गति और हठधर्मिता ने उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता और अधिकारियों को शांति में खलल निवेश करने वालों को किसी भी प्रकार की सक्रियता से कार्रवाई का निर्देश दिया।

तीन मई को ग्रामीण इलाकों में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद गृह मंत्री पहली बार व्यापक राज्य का दौरा कर रहे हैं। मणिकर्ण में ‘जन जाति एकता मार्च’ के बाद पहली बार जातीय हिंसा भड़की। इलाके जाति (एसटी) के दावे की मांग को लेकर मैतेई समुदाय ने तीन मई को प्रदर्शन किया था जिसके बाद ‘जनजातीय एकता मार्च’ आयोजित किया गया था।

मणिकर्ण करीब एक महीने से जातीय हिंसा प्रभावित हुई है और राज्य में इस झड़पों के दौरान देखा गया है। कुछ हफ्ते की खामोशी के बाद पिछले रविवार को सुरक्षा बलों और उग्रवादियों के बीच फायरिंग भी हुई। अधिकारियों ने बताया कि संघर्ष में मरने वालों की संख्या बढ़कर 80 हो गई है।