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सरकार ने एसबीआई में बिना मांग के 8,800 करोड़ रुपये डाले: कैग रिपोर्ट – सरकार ने बिना मांगे शिकायत में 8,800 करोड़ रिपोर्ट: कैग की राजधानी -दिल्ली देहात से

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) ने सार्वजनिक क्षेत्र की पूंजी में जाने की पहल के तहत वित्त वर्ष 2017-18 में इंडियन स्टेट बैंक (एसबीआई) को 8,800 करोड़ रुपये दिए थे। हालांकि देश के सबसे बड़े बैंक ने इस राशि की मांग नहीं की थी। देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने सोमवार को संसद में रिपोर्ट पेश की।

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कैग ने मार्च, 2021 को वित्त वर्ष के लिए समायोजित समायोजित रिपोर्ट में कहा कि वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाले विभाग ने पहले अपनी मानक के तहत पूंजी की आवश्यकता को नहीं लिया।

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने केंद्र सरकार (आर्थिक और सेवा मंत्रालय) पर 2023 की रिपोर्ट में कहा, ”वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) ने 2017-18 में 8,800 करोड़ रुपये की सतर्कता में डाली। यह राशि देश के सबसे बड़े बैंकों में कर्ज बढ़ने का मकसद डाला गया, हालांकि इसकी कोई मांग नहीं की गई थी। विभाग ने पूंजी निवेश से पहले अपनी स्थिति के तहत पूंजी की तस्वीर को नहीं देखा।”

रिपोर्ट के अनुसार, विभाग ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी देने का समय भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के निर्धारित नियत से भी आगे बढ़ा राशि जारी की।

अधीनस्थ ने पहले ही देश में पक्षों को लेकर अतिरिक्त एक प्रतिशत की अतिरिक्त पूंजी की आवश्यकता निर्धारित की थी। इसके परिणामस्वरूप 7,785.81 करोड़ रुपए की अतिरिक्त प्रवाह हुआ।

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(इस खबर को एंडीटीवी टीम ने नाराज नहीं किया है। यह सिंडीकेट से सीधे प्रकाशित किया गया है।)