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हरीश चौधरी के साथ….

G-20 Meet In Kashmir: अमित शाह ने किया पीएम नरेंद्र मोदी के विजन को साकार – G-20 In Kashmir: कश्मीर पर पीएम मोदी के विजन को अमित शाह ने दिया अंजाम – पाक परेशान, दुनिया हैरान! -दिल्ली देहात से


सुरक्षाबलों और केंद्र सरकार की बड़ी उपलब्धियां
सुरक्षा की बढ़ती हुई हिस्सेदारी के बीच हुई बैठक भारत सरकार, विशेष रूप से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी गृहमंत्री अमित शाह और सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी गारंटी की तरह आई। अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने संविधान में संशोधन कर जम्मू एवं कश्मीर से लेखा-जोखा 370 का खात्मा कर दिया और उसके बाद गृहमंत्री अमित शाह ने सुरक्षा के मुद्दों पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनी कर व्यवस्थाएं कीं। कानूनों का सख्ती से पालन किया गया, सुरक्षा दावों को दावों से कम किया गया, आतंकवाद पर कड़ी कार्रवाई की और कट्टरपंथियों ने युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयास किए, जो प्राप्त कर रहे हैं। अकाउंट 370 के खात्मे के बाद दंगल का असर भी दिखा और आतंक की घटनाओं में 2016-19 की तुलना में 2019-22 के दौरान 32 प्रतिशत की गिरावट आई, और सुरक्षाबलों की शहादत में 52 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इसी अवधि में नागरिकों की मौत में भी 14 प्रतिशत की गिरावट आई है।

इसके अलावा, जम्मू एवं कश्मीर में पर्यटन के विकास के लिए भी केंद्र सरकार ने ढेरों प्रयास किए। टूरिस्ट पॉलिसी 2020 को लिंक किया गया, जिसके बाद छह महीने पहले ही 80 लाख से अधिक लोगों ने जम्मू-कश्मीर की सैर की। मई, 2022 में 22 लाख पर्यटक यहां आए थे, जो अब तक का रिकॉर्ड उच्चतम बोनस है। इसी के साथ प्रधानमंत्री ने भी जम्मू-कश्मीर के लिए 80,000 करोड़ रुपये के 63 प्रोजेक्ट मंज़ूर किए। 58,477 करोड़ के 53 प्रोजेक्ट पर काम जारी है, और 29 प्रोजेक्ट पूरे होने की खबर पर हैं।

अब हटे कश्मीरी के खिलाफ एडवायज़री?

जी-20 की बैठक के दौरान एनडीटीवी से बातचीत में दक्षिण कोरिया के राजदूत चांग जे. बॉक ने कहा कि कश्मीर की धरती पर जन्नत है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पश्चिमी देशों को कश्मीर को लेकर अपने टोरिस्टर एडवाइजरी में सुधार करने पर विचार करना चाहिए।

बॉक ने कहा, “कश्मीर पर स्वर्ग है… उम्मीद है, यहां और भी फिल्में बनेंगी और कश्मीर और भी ज्यादा समृद्ध होंगी… यहां आने पर कई तरह की आशंकाएं हैं, फिर भी आप यहां आने का लुत्फ उठा सकते हैं हैं…”

इस महाआयोजन ने स्थानीय लोगों में भी नई उम्मीद पैदा की है। जितनी सहजता से जी-20 की बैठक हुई, और जिस तरह ग्लोबल की नजर इस पर रही, उससे केएस एक आकर्षण और सुरक्षित सैलानी स्थल के रूप में सामने आया और स्थानीय लोगों को अपना जल संदेश दुनिया को दिखाने का मौका मिलेगा।

मुस्तफा कादवी जी-20 की बैठक के दौरान एक्सक्विज़िट के कला और क्राफ्ट प्रदर्शनी के संचालकों में रहे हैं। उनका कहना है कि आए हुए मेहमान की पहचान और उनके नाम से बेहद प्रभावित थे। उन्हें उम्मीद है कि इस संभावित बैठक के बाद कई पश्चिमी देशों द्वारा कश्मीर के खिलाफ जारी किए गए एजेंट एडवायज़री को हटाने में मदद मिलेगी।

रिकॉर्ड तादाद में कश्मीर पहुंचे पर्यटक हैं
केंद्र सरकार का दावा है कि पिछले एक साल में 1.88 करोड़ सैलानी जम्मू-कश्मीर आए, लेकिन इनमें से ज्यादातर वैष्णों देवी जाने वाले थे, और सिर्फ 26 लाख घाटी में सेवा के लिए पहुंचे। इस साल यह तदाद दो करोड़ पार हो जाने की उम्मीद है। सूचना प्रसारण विभाग के सचिव अपूर्व चंद्रा का कहना है, “जितने भी लोग इस समय कश्मीर घूम रहे हैं, यह रिकॉर्ड स्तर है… पिछले साल विवरण से 1.88 करोड़ टूर जम्मू-कश्मीर पहुंचे और कश्मीर घाटी में लगभग 26 लाख पर्यटक आए , जो पात्र है… ऐसा पहले कभी नहीं हुआ…”

दावोस से भी खूबसूरत है कश्मीर : जी-20 के शेरपा अमिताभ कांत

जी-20 के शेरपा अमिताभ कांत का कहना है, “जो संभावित कश्मीर में है, वह कहीं नहीं है… मैं कई बार दावोस चुका चुका हूं, लेकिन कश्मीर दावोस से भी बहुत अधिक काम करता है… यहां सबसे ज्यादा काम करने वाले लोग हैं टूरिज्म सेक्टर से ही निकलेगा, और इसके लिए सरकार जो कुछ कर रही है, टूरिज्म उसे आगे ले जाएगा… जी-20 में भी यही चर्चा हुई है…”

पाकिस्तान को दिया गया है सख्त संदेश
जी-20 की इस बैठक की स्थिति से बार-बार कश्मीर का मेल उठाने वाले पाकिस्तान और उसके समर्थन करने वाले चीन और तुर्की जैसे देशों को एक सख्त संदेश भी दिया गया, जो खुद इस बैठक से दूर रहे। हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदार ने जी-20 की बैठक को लेकर ही टिप्पणी की थी, जिससे उनका बौखलाहट जिक्र फिकर हो रही थी। उन्होंने जी-20 की बैठक के दौरान कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था।

उनके बयानों के जवाब में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था, “जूनियर (पाकिस्तान को) जी-20 से कोई लेना-देना नहीं है… उन्हें विशेष रूप से, कश्मीर और श्रीनगर से भी कोई लेना-देना नहीं है… उन्हें तो इस बात का। जवाब देना चाहिए कि वे जम्मू एवं कश्मीर के समान तरीके से कब्ज़ा किए हुए हिस्सों को कब खाली करेंगे…”

G-20 की यह बैठक ग्लोबल प्लेयर्स की ओर से अमन और समृद्धि की वापसी की जोरदार पुष्टि है। जी-20 की यह बैठक सरकार और ब्रांड के लिए वरिष्ठ अनिर्दिष्ट अधिकारी जा रहे हैं। इससे समूची दुनिया में यह संदेश जाता है कि कश्मीर पुर अमन है और यहां कोई भी अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित किया जा सकता है। सुरक्षा के इससे बेहतर इंतज़ाम नहीं हो सकते थे, और पर्यटन उद्योग से जो लोग जुड़े हैं, उनका कहना है कि इस मैनेजर ने उन्हें यकीन दे दिया है कि अब दुनिया भर के विज़िटर कश्मीर का रूख करेंगे।