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वित्त विधेयक 2023 केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में पेश किया गया – शाम को शिक्षा बिल पेश, पर्यवेक्षकों के सांसद कर रहे हैं रुके हुए -दिल्ली देहात से

राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने का खतरा मंडरा रहा है

नई दिल्ली:

11 नवंबर में विपक्षी विपक्षी सांसदों के भारी हंगामे के बीच विट्‍त मंत्री निर्मल अधिपति ने शाकाहारी बिल पेश किया। ये समिति पेंशन के मुद्दों पर कर्मचारियों के पेंशनरों की समीक्षा करेगी। इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज सुबह संसद भवन पहुंचे, जबकि मानहानि के एक मामले में दो साल की जेल की सजा के बाद उनकी सदस्यता भंग होने का खतरा मंडरा रहा है। हालांकि, विरोध के बीच आधी रात तक रुकने के लिए जाने के बाद वह चला गया।

केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी को गुरुवार को गुजरात कोर्ट कोर्ट ने दोषी करार दिया था और ‘मोदी सरनेम’ पर उनकी कथित टिप्पणी के लिए दो साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। कोर्ट कोर्ट ने फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए उन्हें 30 दिन की जमानत दे दी है।

संसद में आज भी अटका हुआ है
संसद के दोनों सदनों में आज भी हुकूमत देखने को मिल रही है। इसकी वजह से आज रात और बारह बजे की लेखापरीक्षा हो रही है। दसवीं की कार्यवाही से पहले दोपहर 12 बजे तक के लिए स्‍थगित की गई। फिर जब 12:00 बजे कार्यवाही फिर शुरू हुई, तो अटका दोबार होने लगा। उसी समय, किसी की कार्यवाही को लटकामे के कारण दोपहर साढ़े बजे के लिए स्ठगित करना पड़ा।

…तो फिर राहुल गांधी की संसद की सदस्यता समाप्त!
जनप्रतिनिधि अधिनियम, 1951 की धारा 8(3) के अनुसार, यदि किसी सांसद को किसी अपराध का दोषी ठहराया जाता है और कम से कम दो साल की सजा सुनाई जाती है, तो उसे अयोग्य का आधार बनाया जाता है। कुछ कानूनी दावों का कहना है कि राहुल गांधी “ऑटोमैटिक” को अपनी दो साल की सजा के कारण एक सांसद के रूप में अयोग्य हो जाते हैं, जबकि अन्य का कहना है कि अगर वह सजा को पलटने में पहुंच जाते हैं तो वह निलंबन से बच सकते हैं हैं।

“राहुल गांधी को सजा सिर्फ कानूनी फाइल नहीं है…”
हालांकि, वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने राहुल गांधी को सजा मिलने के बाद कहा, “यह सिर्फ कानूनी माइल नहीं है, यह एक बहुत ही गंभीर राजनीतिक मामिल भी है, जो हमारी लोकतंत्र की भविष्य से आधार है। यह मोदी सरकार की राजनीति की राजनीति है।” , धमकी की राजनीति, डराने-धमकाने की राजनीति का एक बड़ा उदाहरण है।” कांग्रेस अब इस मुद्दे को लेकर राष्ट्रवादी द्रौपदी मुर्मू से मिलने जा रही है। वहीं, कई विपक्षी दल अपने साथ मिलकर इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाने की तैयारी कर रहे हैं।