अक्सर देखा गया है कि लोग सड़क हादसे में घायल हुए व्यक्ति की मदद इसलिए नहीं करते क्योंकि उन्हे डर रहता है किसी भी तरह की कानूनी कार्यवाही में पड़ने का, उन्हें लगता है कि मदद करने पर उल्टा उन्ही पर कार्यवाही की जाएगी इसी डर से लोग सड़कों पर एक्सीडेंट में घायल व्यक्ति को बस देख के आगे बढ़ जाते हैं। कोई उसकी मदद नहीं करता है। कई रिपोर्ट्स के मुताबिक ये बात सामने आई है कि अगर कोई एक्सीडेंट में घायल व्यक्ति को समय से हॉस्पिटल पहुंचा दे तो उसकी जान बचाई जा सकती है। कानूनी कार्यवाही को लेकर लोगों के मन में इतना डर है की वो इन सब में पड़ना ही नहीं चाहते हैं। केवल सड़कों पर खड़े रह कर मुक दर्शक बने रहते हैं। ऐसे ही हालातों से लड़ने के लिए दिल्ली सरकार योजना लेकर आई है। जिस तरह से जान बचाने वाले को फरिश्ता कहते हैं उसी तर्ज़ पर दिल्ली सरकार ने फरिश्ते योजना लॉन्च की हैं। इस योजना की शुरूआत 2019 में हो गई है। इस योजना के तहत सड़क दुर्घटना नें जान बचाने वाले व्यक्ति को 2000 रुपये मिलेंगे और इस के साथ ही उसे किसी भी तरह की कानूनी कार्यवाही से भी दूर रखा जाएगा। योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए आगे पढ़ें।

फ़रिश्ते दिल्ली के योजना से जुड़े मुख्य बिंदु
सामान्य जनता को प्रोत्साहित करने के लिए लोग दुर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों की मदद के लिए बिना किसी चिंता के आगे आए और उन्हें समय रहते किसी नजदीकी अस्पताल में पहुंचाएं जिससे उनकी जान बचाई जा सके .
फ्री मेडिकल ट्रीटमेंट
इस कंडीशन में दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति का इलाज अस्पताल द्वारा मुफ्त में किया जाएगा जिसका पूरा खर्च सरकार उठाएगी.
मनी रिवॉर्ड
अगर कोई व्यक्ति किसी दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल में पहुंचाता है तो उन्हें प्रोत्साहन के लिए ₹2000 दिए जाएंगे जो कि सरकार की तरफ से दिये जायेंगे
प्रोत्साहन प्रमाण पत्र
योजना के अंतर्गत जो भी व्यक्ति दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की मदद करता है उसे प्रोत्साहन राशि के साथ-साथ प्रोत्साहन सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा।
कोई लिगल कार्यवाही नहीं होगी
ऐसी स्थिति में सामान्यतः मददकर्ता व्यक्ति पर भी पुलिस द्वारा कुछ कार्यवाही की जाती है लेकिन सरकार ने निर्देश दिया है कि किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की जाए ताकि वे मदद करने से कतराये नहीं।
फ़रिश्ते दिल्ली के योजना के अंतर्गत लगने वाले डाक्युमेंट
- दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति का पहचान पत्र
- जब दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति स्वस्थ हो जाता है, तब उसे पहचान पत्र देना होगा जिसके अंतर्गत वह वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड जैसे डॉक्यूमेंट दे सकता है, परंतु अगर व्यक्ति की कंडीशन खराब है उस स्थिती में उसके 3.परिवार के सदस्य इस कार्रवाई को पूरा कर सकते हैं। यह दस्तावेज अस्पताल के एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट में जमा कराना होगा।
- मदद करता व्यक्ति का पहचान पत्र
- जिस व्यक्ति ने दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की सहायता की है, उसका भी प्रमाण पत्र अस्पताल के एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट में जमा कराना होगा ताकि उनकी पहचान कर उन्हें रिवॉर्ड दिया जा सके।

फ़रिश्ते दिल्ली के योजना ऐसे करें अप्लाई
जब भी कोई व्यक्ति दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को अस्पताल में लेकर आता है तो अस्पताल के द्वारा उस व्यक्ति का नाम उसका पता आदि जानकारी को डिपार्टमेंट द्वारा लिया जाता हैं इस तरह अस्पताल द्वारा सरकार की मदद की जाती है कि वे उस व्यक्ति तक प्रोत्साहन राशि को पहुंचाएं। इस योजना के लिए अलग से एप्लीकेशन देने का कोई प्रावधान नहीं है ।
दिल्ली सरकार द्वारा यह बहुत अच्छी पहल की गई है क्योंकि अगर व्यक्ति बच सकता है और वह केवल अस्पताल टाइम पर ना पहुंचने की वजह से अपनी जान गवा देता है तो यह बहुत ही दुखद बात है। ऐसे में इस तरह की योजना लोगों में उत्साह बढ़ाती हैं और लोग आगे से दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की मदद के लिए तत्पर होते हैं ।