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औरंगाबाद (महाराष्ट्र): राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता इंद्रेश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के सभी रक्षक, उनके मालिक और उनका स्वामी हैं, जिन्हें इस पर संदेह है, उन्हें नहीं छोड़ना चाहिए। वह यहां माणिकचंद पहाड़े का कोलाज यूसीसी द्वारा आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी का हिस्सा लेने से पहले पापाराजी से बात कर रहे थे।
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द्रेश कुमार ने कहा कि यूसीसी समूचे भारत के लिए एक कानून की गारंटी है जो शादी, तलाक, उत्तराधिकार और गोद लेने जैसे मामलों में सभी धार्मिक समुदायों पर लागू होगा। कुमार ने कहा, ”सहित नागरिक संहिता के सभी पक्ष, उनके समर्थक अधिकारी और उनका चयन करते हैं…जिन्हें इस बात पर संदेह है, उन्हें जाने नहीं दिया जाना चाहिए। बल्कि, उन्हें सभी को समझने का प्रयास करना चाहिए। देश में इतने सारे धर्म हैं और उन सभी को (यूसीसी से) सम्मान मिलेगा।”
उन्होंने कहा कि यूसीसी को लेकर डर का भाव पैदा कर रहे लोगों को देश को गलत रास्ते पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए और लोगों को आप में नहीं लड़ना चाहिए। किसी देश का विकास भाईचारे पर टिका होता है। यदि किसी को ‘समान’ शब्द से समस्या है तो ‘राष्ट्रीय’ या ‘साझा’ जैसे शब्द सुझावये जा सकते हैं।”
कुमार ने यह नहीं बताया कि कब तक यह कानून अस्तित्व में आ जाएगा। उन्होंने कहा, ” इसकी कवायद शुरू हो गई है। लेकिन उसके लिए कोई समय सीमा नहीं है। विभिन्न धर्मों के लोग और बुद्धिजीवी इस मुद्दे को समझने के लिए साथ आते हैं। यह मामला हाल में नहीं आया है। कई लोग इस मुद्दे पर पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। इसलिए चौकस रहने की जरूरत है।”
वक्ता डॉ. एम बहारुल इस्लाम ने कहा कि पहले सभी समुदायों से सलाह मंगाये जाने चाहिए। उन्होंने कहा, ”देश में हर समुदाय के मुद्दों के समाधान के लिए एक समिति बनाई जानी चाहिए। तब ड्राफ्ट तैयार किया जाना चाहिए।”
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