दिल्ली देहात से….

हरीश चौधरी के साथ….

ईपीएफओ नवीनतम अपडेट के लिए ईपीएफओ उच्च पेंशन योजना 2023 ईपीएस 95 के लिए वेतनभोगी वर्ग का चयन करना चाहिए ईपीएफओ उच्च पेंशन विकल्प लाभ जानें -दिल्ली देहात से


कर्मचारी पेंशन योजना (कर्मचारी पेंशन योजना) यानी ईपीएस (ईपीएस) नवंबर 1995 में अस्तित्व में आई। इस पेंशन खाते के तहत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) आवंटन के बाद कर्मचारियों को पेंशन देता है। जब ये निर्धारण लागू किया गया तो उस समय कर्मचारी अपने अमृत सैलरी (महंगी और कुछ अन्य भत्तों के साथ) का 12 प्रतिशत हिस्सा ईपीएफओ में योगदान देता था। जिसके बदले कर्मों के बाद कर्मचारियों को कुल सागर की राशि पर टैगा ब्याज के साथ एक मोटा आवंटन फंड मिलता था। लेकिन फिर कर्मचारी पेंशन के बारे में सूचनाओं में बदलाव किए गए। इस बदलाव के तहत कर्मचारी के संस्थान की तरफ से ईपीएफओ में जाने वाले ने 12 प्रतिशत के योगदान को 2 हिस्से को 8.33% और 3.67% में शामिल किया।

अब कर्मचारियों के संस्थानों की तरफ से बड़ा हिस्सा यानी 8.33% EPS में जाने लगा और 3.67% EPF में जमा होने लगा। इस लत के लिए पेंशन योग्य आय की सीमा जो पहले 5000 थी, उसे भी बढ़ाकर 6500 कर दिया गया। ये सीमा 1 सितंबर 2014 तक लागू हो रही है।

ईपीएफओ ने पेंशन योजना के बारे में अनिश्चितता में किया अहम बदलाव

अगस्त 2014 में ईपीएफओ ने ईपीएस की सूचनाओं में एक बार फिर बदलाव किया। जिसके बाद पेंशन योग्य आय की सीमा को 6,500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया गया। इसके साथ ही कर्मचारियों को यह विकल्प दिया गया कि वो अपने वास्तविक अंगूठे सैलरी के होश से ईपीएस में योगदान कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपने संस्थान में आवेदन करना होगा। वहीं, अगर कोई कर्मचारी इसके लिए आवेदन नहीं करता है, तो उसकी अमृत सैलरी से ईपीएस में योगदान 15,000 रुपये की अधिकतम सीमा के होश से ही किया जाएगा। इसे आसान शब्दों में समझें तो आपकी आय कितनी भी हो, पेंशन फंड में आपका योगदान 15,000 रुपये के 8.33% के होश से ही हो जाएगा। अगर महीने के होश से देखें तो आपको हर महीने अधिकतम 1,250 रुपये का योगदान करना होगा और बाकी राशि EPF में जमा हो जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट ने पेंशन पाने वालों को ये आदेश दिया

इस निर्धारण के चुनाव के लिए वर्ष 2014 में सभी कर्मचारियों को 6 महीने की समय सीमा दी गई थी। जिसे बाद में 6 महीने के लिए कुछ सूटकेस के साथ आगे बढ़ाया गया। लेकिन फिर भी कई कर्मचारियों ने सर्वोच्च न्यायालय में आवेदन दिया कि 2014 में पेंशन प्रमाणपत्रों की समझ और मंजूरी के लिए जो पर्याप्त नहीं था, उसे जारी किया गया था। जानकारी के अभाव में कई कर्मचारी लाभ नहीं उठा सकते। सुप्रीम कोर्ट (सुप्रीम कोर्ट) ने चार नवंबर, 2022 को अपने आदेश में कहा था कि ईपीएफओ को सभी पात्रता मेंबर को हाइयर पेंशन का विकल्प (उच्च पेंशन विकल्प) लेने के लिए चार महीने का समय देना होगा।

ईपीएफओ ने अधिक ऋण के लिए आवेदन की समय सीमा का विस्तार किया है

कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए ईपीएफओ ने ज्यादा पेंशन के लिए आवेदन की तारीख चार महीने के लिए बढ़ा दी थी। यह चार महीने की अवधि तीन मार्च, 2023 को समाप्त हो रही है। इस वजह से ऐसी खबर आ रही थी कि इसकी आखिरी समय सीमा तीन मार्च, 2023 है। लेकिन हाल ही में एक बार फिर ईपीएफओ ने ज्यादा पेंशन पाने के खातों में आवेदन की तारीख बढ़ा दी है। जिसके बाद कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 (ईपीएस 95) के तहत ईपीएफओ सब्सक्राइबर 3 मई, 2023 तक ज्यादा पेंशन पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

उच्च पेंशन योजना से संबंधित विशिष्ट पेंशन सीखें

मान करोड़ भाई सालरी 50,000 रुपये है। ऐसे में पुराने पेंशन खाते के तहत आपकी पेंशन योग्य सैलरी 15,000 रुपये होगी। जिसका 8.33% यानी 1,250 रुपये पेंशन फंड में जमा होगा। वहीं, जब आप ज्यादा पेंशन का विकल्प चुनते हैं तो पेंशन फंड में उसका योगदान आपकी वास्तविक वार्षिक सैलरी 50,000 के होश से यानी करीब 4,165 रुपये होगा।

कर्मचारियों के लिए ज्यादा पेंशन के विकल्प क्यों लाभ?

ये आपके लिए कितने लाभ हैं, आपको इसका चुनाव करना चाहिए या नहीं? ये समझने के लिए बीक्यू प्राइम ने ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के संस्थापक और सीईओ पंकज मठपाल से बातचीत की। उनका कहना है कि मौजूदा ईपीएफओ की तरफ से पेंशन के कैलकुलेशन पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। ऐसे में कर्मचारियों को इस निर्णय का विकल्प चुनते समय दो कारकों का विशेष ध्यान रखते हुए निर्णय लेना चाहिए। कौन सा पहला कारक ये है कि अगर कर्मचारियों के चरित्र के बाद एकमुश्त राशि ज्यादा होनी चाहिए तो उनके लिए पेंशन की पुरानी राशि बेहतर हो सकती है। वहीं, दूसरा फैक्टर ये है कि अगर किसी कर्मचारी को हर महीने ज्यादा पेंशन की जरूरत है तो उनके लिए ज्यादा पेंशन के लिए आवेदन करने का लाभ होगा।

(बीक्यू प्राइम फॉर्मैक्स के साथ)