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आपातकालीन क्रेडिट गारंटी योजना से 14.6 लाख छोटे कारोबारियों को मदद मिली: रिपोर्ट – आज्ञा ऋण सुविधा योजना से 14.6 लाख छोटे कारोबारियों को मदद मिली: रिपोर्ट -दिल्ली देहात से

COVID महामारी के दौरान छोटे कारोबारियों की मदद के लिए शुरू की गई जारी ऋण सुविधा रियायती योजना (ईसीएलजीएस) से 14.6 लाख एमएसएमई इकाइयों को भर्ती में मदद मिली। इन छोटे लुक्स को 2.2 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त ऋण का लाभ मिला।

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जांचपाट के एक विश्लेषण के अनुसार इस अतिरिक्त ऋण प्रवाह से एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले खाता) इकाइयों के ऊपर करीब 12 प्रतिशत पके हुए ऋण एनपीए (गैर-निहित आसेट) बनने से बचाए। लोगों के संदर्भ में इससे कम-से-कम 6.6 करोड़ लोगों की संक्षिप्त विवरणी।

ईसीएलजीएस से एमएसएमई को कर्ज मिलने में मदद मिली और इससे कम-से-कम 14.6 लाख यूनिट को इससे अपना कारोबार बनाए रखने में मदद मिली। इंडियन स्टेट बैंक (एसबीआई) के मुख्य अर्थशास्त्री सौध कांति घोष ने कहा कि इस योजना के माध्यम से एमएसएमई को 2.2 लाख करोड़ रुपये कर्ज दिए गए। इसका मतलब यह है कि इस योजना से एमएसएमई पर अटके करीब 12 लोगों का जुड़ा हुआ कर्ज बनने से रोकने में मदद मिली। साथ ही 6.6 करोड़ लोगों की आजीविका बची।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एमएमएमई का आकार भी बड़ा हो गया है और कई इकाइयों का कारोबार 250 करोड़ रुपये की सीमा को पार कर गया है और वे नई परिभाषा के तहत मझोले उद्यम की श्रेणी में आ गए हैं। एमएसएमई की परिभाषा में वर्ष 2020 में बदलाव किया गया था। इस बदलाव के साथ एमएसएमई को उद्यम पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है। रिपोर्ट के मुताबिक कुल 1.33 करोड़ एमएसएमई के पास उद्यम प्रमाणपत्र हैं, जबकि दूसरे पक्ष का पंजीकरण केवल 1.40 करोड़ है।

रिपोर्ट के अनुसार उद्यम पोर्टल एमएसएमई क्षेत्र में व्यापक बदलाव करके उन्हें संगठित ऋण व्यवस्था के दायरे में लाने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। देश में करीब 6.4 करोड़ एमएसएमई हैं जबकि चीन में यह संख्या 14 करोड़ है।

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(इस खबर को एंडीटीवी टीम ने नाराज नहीं किया है। यह सिंडीकेट से सीधे प्रकाशित किया गया है।)

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