नई दिल्ली:
दिल्ली आबकारी नीति मामले में कोर्ट ने आप नेता मनीष सिसोदिया की ईडी को पांच दिन बढ़ा दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज मनीष सिसोदिया को अदालत में पेश किया। कोर्ट में ईडी ने मनीष सिसोदिया की अतिरिक्त रिमांड देने का अनुरोध किया, जिसे कोर्ट ने मान लिया। कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि सिसोदिया ने अपना फोन नष्ट कर दिया है, उनसे एक बार फिर पूछताछ किए जाने की जरूरत है। अभी ईमेल में मिले डेटा, उनके मोबाइल फोन का फॉरेक्सिंक विश्लेषण किया जा रहा है। वहीं, सिसोदिया के वकील ने कहा कि सीबीआई ने स्थिति के कुछ दिन के भीतर अगस्त 2022 में ईसी इर दर्ज किया, कंप्यूटर को ज़ब्त कर उसकी जांच की, अब दूसरी एजेंसी उसी प्रक्रिया को दोहराना चाहती है। सिसोदिया के वकील ने ये तर्क देते हुए ईडी रिमांड बढ़ाने की मांग का विरोध किया।
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कोर्ट में सुनवाई के दौरान सिसोदिया के वकील ने कहा कि क्या ईडी, एसबीआई की प्रॉक्सी एजेंसी के रूप में काम कर रहा है? एडी को बताया जाएगा कि क्राइम की प्रोसीड क्या हुआ? यह नहीं बताता कि क्या अपराध हुआ है। सामने आने के लिए दावा की संभावना नहीं है, समन जारी कर सकता है।
मनीष सिसोदिया ने खुद कोर्ट से कहा, “रोज़ाना आधा घंटा ही पूछताछ होती है। बस कल ही देर तक पूछताछ हुई है।”
ईडी ने कहा, “दो लोगों को 18, 19 मार्च को जमा करने के लिए बुलाया जाता है। ई-मेल, मोबाइल डेटा मिला है जिसका सामना करना है।” इस पर कोर्ट ने कहा कि डेटा के सामने ईमेल के रूप में आप जेल में भी करवा सकते हैं।
ईडी ने कहा कि जांच अहम मोड़ पर है, अगर अभी दावा नहीं मिला है, तो सभी मेहनत कम हो जाएगी। पूछताछ सीसीटीवी की निगरानी में की जा रही है। 5 से 12 धमाकों का पता लगाने और क्राइम का पता लगाने की संभावना ही गिरफ्तारी की गई।
सिसोदिया के वकील ने कहा कि दिनेश अरोड़ा 15 मार्च को ईडी मुख्यालय में थे, लेकिन सामने से कोई कार्रवाई नहीं की गई, अब कह रहे हैं कि दिनेश अरोड़ा से सामने करवाना है।