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डॉ रमन गंगाखेडकर एनडीटीवी हिंदी एनडीटीवी इंडिया – क्‍या चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लेना होगा कोरोना रोधी वैक्‍सीन की चौथा डोज? विशेषज्ञों ने ये सलाह दी -दिल्ली देहात से

मुख्य वायरस (कोविड-19) इतना बदला नहीं है कि एक नए टीके की आवश्यकता हो(प्रतीकात्मिक फोटो)

फ़ाइट: चीन, अमेरिका समेत कई यूरोप देशों में कोरोना वायरस संक्रमण (कोरोनावायरस) के बढ़ते मामलों के बीच लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा है कि कोविड-19 रोधी वैक्‍सीन (कोरोनावायरस वैक्‍सीन) की चौथी खुराक लेने की जरूरत है या नहीं। भारत में भी कोरोना रोधी वैक्‍सीन की तीसरी डोज यानी बूस्टर डोज काफी लोग पिछले साल ही ले चुके हैं। विदेशों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत में भी सहमति बनी है। इस बीच विश्व स्वास्थ संगठन (WHO) ने भी कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

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व्यक्ति ने कोविड-19 रोधी टीका की तीसरी खुराक ली है, तो…
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीआईसी चमकदार) में महामारी विज्ञान एवं संक्रामक रोगों के पूर्व प्रमुख डॉ. रमन गंगाखेडकर ने कहा कि कोरोना वायरस और उसके स्वरूपों के बारे में मौजूदा साक्ष्यों को देखते हुए कोविड-19 रोधी टीका की चौथी डोज की जरूरत नहीं है। गंगाखेडकर ने मंगलवार को एक कार्यक्रम से अन्य कहा कि यदि किसी व्यक्ति ने कोविड-19 रोधी वचन की तीसरी खुराक ली है, तो इसका मतलब यह है कि उसकी ‘टी-सेल’ प्रतिक्रिया प्रतिक्रिया को तीन बार प्रशिक्षित किया गया है।

सड़क और पहली से किसी बीमारी से पीड़ित लोगों को मास्क…
डॉ. रमन गंगाखेडकर ने कहा, “मुख्य वायरस (कोविड-19) इतना बदला नहीं है कि एक नए टीके की जरूरत हो, इसलिए हमारे ‘टी-सेल’ प्रतिक्रिया पर भरोसा रखें। मौजूदा सबूत (वायरस के संदर्भों से जुड़े) को देखते हुए यह इतना गंभीर नहीं है कि कोविड-19 रोधी टीके की चौथी खुराक की जरूरत पड़े।” डॉ. गंगाखेडकर के अनुसार, सड़कों और पहली बीमारी से पीड़ित लोगों को मास्क जैसे जकड़ने का उपाय करते रहना चाहिए।

गंगाखेडकर ने कहा कि चौथी खुराक के बारे में अभी सोचने की जरूरत नहीं है, क्योंकि किसी भी नए स्वरूप का नाता सर-सीओवी2 से नहीं होगा। यह पूरी तरह से नया स्वरूप हो सकता है और जब वह आएगा, तब हम उसके बारे में सोचेंगे, क्योंकि हमारी पूरी निगरानी अब भी जारी है। अभी चिंता करने की जरूरत नहीं है।

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