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सरकारी कर्मचारियों को आज हो सकता है DA (महंगाई भत्ता) का ऐलान मोदी कैबिनेट की बैठक आज -दिल्ली देहात से

पीएम नरेंद्र मोदी की कैबिनेट बैठक में महंगाई भत्ता (मंहगाई आपस में) पर फैसला संभव है

नई दिल्ली:

महंगाई भत्ता ताजा खबर अपडेट: करोड़ों सरकारी कर्मचारियों को साल में दो बार ज्वर बीमा वर्ष दिया जाता है। गौर करने की बात यह है कि सरकार के नियमों के अनुसार चमक जनवरी से और जुलाई से दी जाती है। सूत्रों से मिली नवीनतम जानकारी के अनुसार आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट (पीएम नरेंद्र मोदी कैबिनेट) मीटिंग करने जा रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में सरकार प्रत्यक्ष दखल देती है।महंगाई भत्ता डीए) पर निर्णय ले सकता है। कहा जा रहा है कि डीए (डीए) 3 या 4 प्रतिशत तक सींक जा सकता है। बता दें कि वर्तमान में टूटा हुआ बोका (महंगाई भत्ता डीए) वृहत्तर सैलरी का 38 वर्ष है।

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बता दें कि होली और दीवाली पर अमूमन ब्रेकडाउन की घोषणा (होली और दिवाली पर महंगाई भत्ता) से पहले हो रही है। इस घोषणा के साथ सरकारी कर्मचारियों की जेबों में सरकार अतिरिक्त पैसा देती है। कहा जाता है कि बोनस के साथ ही सरकारी कर्मचारियों के घर ले जाने वाला वेतन भी बढ़ जाता है। लेकिन इस बार होली पर होने की घोषणा अभी तक नहीं हुई थी। सरकारी कर्मचारियों को एक साथ मिलने से ज्यादा तनख्वाह में इजाफे का इंतजार रहता है लेकिन यह इंतजार बढ़ता ही जा रहा है और उनकी निराशा भी बढ़ती जा रही है।

ज्ञात हो कि पांच राज्यों में नई पेंशन योजना (नई पेंशन योजना एनपीएस) पुरानी पेंशन योजना को समाप्त कर दें (पुरानी पेंशन योजना ओ.पी.एस) लागू होना और लागू होना की घोषणा होना के बाद कई अन्य राज्यों में भी ऐसी ही मांग उत्पन्न होने लगी है।

गोपनीयता का हाल

हाल ही में चालू करें (थोक मूल्य सूचकांक) जनवरी महीने में तीन महीने के उच्च स्तर 6.52 प्रतिशत पर पहुंच गया था। उरद फरवरी में ठीक दर के आंकड़े बता रहे हैं कि कुछ मतदाता निश्चित रूप से माने जाते हैं। आंकड़ों के होश से पहले किसी स्तर से ऊपर छोड़ दिया गया था। बता दें कि उपभोक्ता रेटिंग सूचकांक दिसंबर में 5.72 प्रतिशत और जनवरी 2022 में 6.01 प्रतिशत पर आधारित था। तब खाद्य पदार्थों की जानकारी हर साल जनवरी में 5.94 प्रतिशत रही जो दिसंबर में 4.19 प्रतिशत थी। आंकड़े बता रहे हैं कि खाने-पीने के सामान की चोट की वजह से लोग परेशान हैं। फॉर्म अक्टूबर महीने में उच्च स्तर 6.77 प्रतिशत पर था। बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक मुद्रा नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से मुद्रा पर गौर करता है