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किसी ब्रांड की नकल करना कहीं से भी सही नहीं है: दिल्ली उच्च न्यायालय एनडीटीवी हिंदी एनडीटीवी इंडिया – किसी ब्रांड की नकल करना कहीं से भी ठीक नहीं : दिल्ली उच्च न्यायालय -दिल्ली देहात से

सांकेतिक चित्र

नई दिल्ली:

दिल्ली उच्च न्यायालय ने ब्रांड की नकल को लेकर एक बड़ी टिप्पणी की है। अदालत ने सोमवार को कहा कि पेशेवर क्षेत्र में किसी ब्रांड का नकल करना कहीं से भी सही नहीं है। ऐसा करने वालों पर बुरा असर पड़ता है। एक मामले की सुनवाई के दौरान कॉमेडी सी ग्रीनशंकर ने स्पष्ट किया कि यदि बचावकर्ता चार सप्ताह के भीतर भुगतान नहीं करता है तो उसे तिहाड़ जेल में एक सप्ताह की सजा काटनी होगी।

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अदालत ने कहा कि किसी ब्रांड का लिखावट एक गंभीर मामला है, जिसका प्रभाव छोटी दुकानों की सीमाओं से कहीं आगे है। यह एक वाणिज्यिक बुरा यी है जो ब्रैंड को कम करती है, विदेशी ग्राहकों से छल-कपट करती है और दीर्घावधि में राष्ट्रीय उद्योग के तानेबाने पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ता है।

‘लुई विटॉन मैलेटियर’ के दावे के बाद उच्चाधिकारी ने सितंबर 2021 में एक व्यवस्था आदेश पारित कर कई संस्थों को ऐसे सामान का उत्पादन, भंडारण, बिक्री करने से रोका था जिन पर ‘लुई विटॉन’ का पंजीकृत ट्रेडमार्क ‘एलवी’ लोगो होता है है।

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