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राजस्थान में कांग्रेस की वापसी 2018 में उनके काम की वजह से सत्ता में आई: अशोक गहलोत – राजस्थान में कांग्रेस की वापसी मेरे पिछले कामों के कारण हुई: अशोक गहलोत -दिल्ली देहात से


लंबे समय से अशोक गहलोत के साथ सत्ता की अतिरिक्तता में जुड़वाँ पायलट ने हाल ही में कहा था कि 2013 से 2018 तक जब वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे। उस दौरान कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई।

पायलट ने बार-बार कहा है कि कांग्रेस रेसपीशन की संख्या जो 2013 में घटकर 21 रह गई थी, पार्टी आलाकमान द्वारा उन्हें राज्य में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रमुख बनने के बाद दी गई। गहलोत ने पायलट का नाम लिए बिना कहा कि 2013 की हार काफी हद तक ‘मोदी लहर’ के कारण हुई थी, लेकिन राज्य में भाजपा सरकार के छह महीने के कार्यकाल में लोगों को अपनी ‘गलेती’ का एहसास हुआ।

गणतंत्र दिवस कार्यक्रम के बाद सवाई मानसिंह स्टेडियम पर नागरिकता से बातचीत में भोपाल गहलोत ने कहा, ”वो जो माहौल बनता है, वो भी एक बड़ा कारण होता है वापस सरकार आने का। बाकी सब कारण तो होते ही हैं हमारे कार्यकर्ता, हमारी पार्टी संघर्ष करती है, टहलने पर उतरती है। हालांकि, (जनता के) दिमाग में था कि पिछली बार हमने 2013 में गलती की थी। इसलिए इस बार पहले ही हवा बन गई थी कि सरकार आनी चाहिए और अशोक गहलोत को बनना चाहिए।”

गहलोत ने दावा किया कि भाजपा के पास उनकी सरकार के खिलाफ बोलने के लिए कोई माईल नहीं है। लोगों में कोई सत्ता-विरोधी भावना नहीं है और जनता की सरकार की योजनाएं और कार्यक्रम से खुश हैं। उन्होंने कहा कि देश भर में चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा जैसी राज्य योजनाओं के बारे में बात की जा रही है और कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू करने से खुश हैं।

गहलोत ने कहा, ”हमारा रास्ता बिल्कुल साफ है। जब हमने 1998 में सरकार बनाई थी, तब 156 सीट्स आई थीं, उस समय मैं कांग्रेस का अध्यक्ष था, तो मैं चाहता हूं कि हम लोग मिशन 156 लेकर जाएं। इसके लिए मैंने काम शुरू कर दिया है।” गहलोत ने कहा कि उनकी पसंद ने उनका समर्थन किया और 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान सामान्य कलह से निपटने में उनकी मदद की, जिससे उनकी सरकार बच गई।

भोपाल ने कहा कि वे अपनी सरकार को बचाने और लोगों की सेवा करने के लिए कड़ा संघर्ष किया और अपनी ”आखिरी सांस” तक ऐसा करते रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी राजनीति सेवा की राजनीति और कार्यों पर आधारित है। गहलोत ने दावा किया, ”मेरा मानना ​​है कि इस बार चार साल बाद जनता में सरकार विरोधी लहर नहीं है। (गहलोत) को बहुत अच्छा आदमी कहा जाता है, यह मैं नहीं कह रहा, लोग कह रहे हैं।”

(इस खबर को एंडीटीवी टीम ने नाराज नहीं किया है। यह सिंडीकेट से सीधे प्रकाशित किया गया है।)

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