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भारत के बीच डोकलाम गतिरोध का समाधान खोजने में चीन का बराबर का कहना है भूटान के पीएम – डोकलाम विवाद: भूटान के पीएम ने चीन को लेकर दिया बयान, हर स्थिति पर भारत की है नजर -दिल्ली देहात से

भारत डोकलाम में ट्राई-जंक्शन के स्थान को स्थानांतरित करने के किसी भी प्रयास का विरोध कर रहा है। (हाई रेस: यहाँ)

बेल्जियम:

डोकलाम (डोकलाम गतिरोध) में सड़क निर्माण को लेकर भारत और चीन के बीच जबरदस्त विवाद हो रहा है। ये कई साल तक चले। डोकलाम में भारतीय और चीनी सैनिकों के आमने-सामने होने के छह साल बाद भूटान के प्रधान मंत्री ने बड़ी बयानबाजी की है। भूटान के पीएम लोटे शेरिंग ने कहा है कि बीजिंग का उच्च कद वाले पर विवाद के विकल्प में समान अधिकार हैं। भूटान के पीएम ने कहा कि इस क्षेत्र को नई दिल्ली सरकार का मानना ​​है कि चीन ने यहां अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। भूटान के प्रधानमंत्री के इस ताजा बयानों ने भारत की चिंता बढ़ा दी है।

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बेल्जियम के दैनिक समाचार पत्र ‘ला लिबरे’ के साथ एक साक्षात्कार में भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने ये बातें कही। उन्होंने कहा, “समस्या को हल करना अकेले भूटान पर अस्थाई नहीं है। हम तीन देश हैं। कोई बड़ा या छोटा देश नहीं है। तीन समान देश हैं।”

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2017 के डोकलाम गतिरोध के बाद से चीन ने भूटानी क्षेत्र के कई किलोमीटर क्षेत्र में घूम-घूम कर शोर मचाया है। (डेमियन साइमन से इनपुट्स) (हाई रेस: यहाँ)

क्षेत्रीय समाधान का संकल्प में चीन की शिक्षाओं पर भूटानी प्रधान मंत्री के बयान नई दिल्ली के लिए चिंता का विषय है। भारत हमेशा से डोकलाम में चीन के विस्तार का विरोध करता रहा है, क्योंकि ये संवेदनशील संवेदनशील सिलीगुड़ी कॉरिडोर के करीब है। जमीन का वह छटा हिस्सा भारत के भूतों के बाकी हिस्सों को देश से अलग करता है।

भूटान के प्रधानमंत्री ने साक्षात्कार में कहा, “हम तैयार हैं। जैसे ही अन्य दो पक्ष भी तैयार हैं, हम चर्चा कर सकते हैं।” जंक्शन की स्थिति पर बातचीत करने को तैयार है।

शेरिंग का यह बयान 2019 में ‘द हिंदू’ को दिए गए बयानों का उलटा है। 2019 में शेरिंग ने कहा था कि ‘किसी भी पक्ष’ को तीन देशों के बीच मौजूदा ट्राइजंक्शन पॉइंट के पास ‘एकतरफा’ कुछ भी नहीं करना चाहिए। दशकों से, वह ट्राइजंक्शन पॉइंट को अंतर्राष्ट्रीय भर में दिखाया जा रहा है। यह बटांग ला नाम की जगह पर स्थित है। चीन की चुम्बी घाटी बटांग ला के उत्तर में है, जबकि भूटान दक्षिण-पूर्व में और भारत का सिक्किम राज्य पश्चिम में स्थित है।

चीन चाहता है कि ट्राई-जंक्शन को बटांग ला से लगभग 7 किमी दक्षिण में जिपमोची नाम की चोटी पर शिफ्ट किया जाए। अगर ऐसा होता है, तो पूरा डोकलाम आतंकवादी कानूनी रूप से चीन का हिस्सा बन जाता है। भारत इसका पूरजोर विरोध कर रहा है।

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डोकलाम में साल 2017 के दौरान भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच दो महीने से अधिक समय तक गतिरोध रहा। भारतीय सैनिकों ने डोकलामर्रा में चीन की एक सड़क को चौड़ा कर रोक दिया था। चीन अवैध रूप से गिपमोची पर्वत और निकटवर्ती पहाड़ी की दिशा में इस सड़क का विस्तार कर रहा था। भारतीय सेना ने साफ किया था कि चीनी सेना को झम्फेरी पर जामे की अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि इससे उन्हें सिलीगुड़ी कॉरिडोर के लिए एक स्पष्ट दिशा मिल जाएगी।

2017 में डोकलाम संकट के समय पूर्वी सेना के कमांडर (रिटायर्ड) लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्शी ने कहा, ‘भारत पर स्पष्ट सुरक्षा प्रभाव है। ट्राई-जंक्शन पॉइंट को स्थानांतरित करने के लिए चीन का कोई भी प्रयास भारतीय सशस्त्र बलों के लिए काम करेगा। यथास्थिति के एकतरफा व्यवधान के चीनी प्रयास प्रमुख चिंता का विषय है।’