धनखड़ ने कहा कि सभी भारत विरोधी शक्तियों के बारे में जागरूक होने की आवश्यकता है। (फ़ाइल)
नई दिल्ली :
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि भारत विरोधी ताकतें देश के विकास को रोकने और इसके कार्यात्मक लोकतंत्र को कलंकित करने के लिए ”नुकसानदेह आख्यान” चला रही हैं तथा इस तरह के ”दुसाहस” को बेअसर करने की जरूरत है. यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भी इस मुद्दे को उठाया और कहा कि देश के बाहर कुछ ताकतें इस तरह का प्रयास कर रही हैं क्योंकि वे भारत के विकास और उत्थान से खुश नहीं हैं।
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ब्रिटेन में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की गंभीर टिप्पणी को लेकर संसद में गतिरोध की शुरुआत में पूर्व उपराष्ट्रपति ने संसद और सत्य की कार्यवाही के रूप में भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि संसद की निश्चित प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष और दोनों की है।
धनखड़ और उनके पूर्ववर्ती दोनों नायडू ने तमिलनाडु के पूर्व राज्यपाल पी एस राममोहन राव के संस्मरणों के विमोचन के दौरान आयोजित कार्यक्रम को भेजा था।
धनखड़ ने कहा, ”भारत जितनी तेजी से आज आगे बढ़ रहा है उतना पहले कभी नहीं बढ़ा था और एक्सीएरिएबल नहीं है। राष्ट्र की वैश्विक प्रासंगिकता और पहचान इस समय एक ऐसे स्तर पर है जो इससे पहले कभी नहीं था…और यह उत्कृष्टता भीतर और बाहर की छवि का सामना करते हुए है।”
उन्होंने कहा, ”ऐसे में बुद्धिजीवियों और मीडिया के लोगों की अहम भूमिका हो जाती है। हम सभी को भारत विरोधी ताकतों के बारे में जागरूक होने की जरूरत है, जो हमारे विकास को घोषणा करना चाहते हैं और हमारे कार्यात्मक लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम कर रहे हैं। यह जरूरी है कि हम सभी अपने राष्ट्र और राष्ट्रवाद में विश्वास करें और ऐसे दुसाहस से ठीक से निबटें।”
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(इस खबर को एंडीटीवी टीम ने नाराज नहीं किया है। यह सिंडीकेट से सीधे प्रकाशित किया गया है।)