दिल्ली देहात से….

हरीश चौधरी के साथ….

छोटे बैंकों की मदद के लिए अमेरिका का सबसे बड़ा बैंक आया सामने, सागर होगा 30 अरब डॉलर -दिल्ली देहात से

छोटे बैंकों की मदद के लिए अमेरिका का सबसे बड़ा बैंक आया सामने, सागर होगा 30 अरब डॉलर
-दिल्ली देहात से

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सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) समेत कई देशों के धराशायी हो जाने के बाद एक और स्थानीय बैंक फर्स्ट रिपब्लिक बैंक डूबने से बचाने के लिए अमेरिका के बड़े बैंक आए, और उन्होंने मदद की घोषणा की है। बैंक ऑफ अमेरिका, सिटीग्रुप और जेपी मॉर्गन चेज़ सहित अमेरिका के 11 प्राइवेट साइट्स के कंसोर्टियम ने घोषणा की है कि वे पहले गणतंत्र में 30 अरब अमेरिकी डॉलर जमा करेंगे। वैसे, पिछले हफ्ते सिलिकॉन वैली बैंक की विफलता के बाद अन्य साइटों पर भी इसके प्रभाव की आशंका पैदा हो गई थी।

पिछले सप्ताह के दौरान तीन मध्यम आकार वाले जोखिमों के विफल होने के बाद सिस्टम को दुरुस्त रखने की कोशिशों के तहत यह यात्रा आरंभिक समुद्र ने की है। ग्रुप ने एक बयान में कहा, “अमेरिका के सबसे बड़े सदस्य यह कदम फर्स्ट रिपब्लिक द्वारा उठाए गए हैं और सभी आकार के बैंकों में उनके भरोसे को देखते हैं…”

साइट ने कहा, “हम परस्पर अपनी वित्तीय शक्तियों और द्रवता को एक व्यापक सिस्टम में लगा रहे हैं, जहां इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है…”

इसके बाद पहले गणराज्य के स्टॉक ने शुरुआती नुकसान को पलट दिया, और वॉल स्ट्रीट बाज़ार में गुरुवार को 10 प्रतिशत के उछाल के साथ बंद हो गए।

अमेरिकी वित्त मंत्रालय, अमेरिकी संघीय रिजर्व, संघीय जमा ऋण ऋण तथा मुद्रा नियंत्रक कार्यालय (ऑफिस ऑफ कॉम्पट्रॉलर ऑफ करेंसी) के शीर्ष अधिकारियों ने संयुक्त बयान में कहा, “बड़े आकार का समर्थन स्वागत योग्य कदम है, और हमारे बैंक सिस्टम की स्थिति से समझौता की शक्तियों को मान्यता है…”

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