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हरीश चौधरी के साथ….

9 साल की पीएम मोदी डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ एपिसोड 7 कैसे पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने ने 100 करोड़ से अधिक भारतीयों के जीवन को बदल दिया – पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने ने कैसे बदले 100 करोड़ से ज्यादा भारतीयों की जिंदगी -दिल्ली देहात से

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में बने रहने (#9YearsOfPMModi) नौ साल पूरे होने पर आज हम आपको बताते जा रहे हैं कि किस तरह से डिजिटल इंडिया को लेकर उनके विजन ने पूरे देश को विश्व रेखांकन पर एक अलग पहचान इशारा किया। और डिजिटल क्रांति ने किस तरह से देशवासियों के जीवन को सरल और बनाया है।

बैंक हो, पहचान का प्रमाण हो, यात्रा की सुविधा हो या फिर स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे, ये सारे काम 2023 के डिजिटल इंडिया में एक क्लिक के साथ हो जाते हैं। आठ साल पहले प्रधानमंत्री मोदी ने जिस डिजिटल क्रांति की बात की थी, उसका लाभ अब मिलने लगा है। (यहां देखिए, डॉक्यूमेंट्री सीरीज के सातवें एपिसोड का पूरा वीडियो)

मैं एक ऐसा डिजिटल भारत का सपना देखता हूं, जहां सक्रिय सरकार रूप से सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के साथ जुड़ती है। मैं एक ऐसा डिजिटल भारत का सपना देखता हूं जहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा डिजिटल शिक्षा द्वारा संचालित सबसे दुर्गम पहुंच तक पहुंचती है। मैं एक ऐसा डिजिटल भारत का सपना देखता हूं जहां नेटिजन एक विद्युत नागरिक हो।

नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री

2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी के पहले बड़े लक्ष्यों में से एक डिजिटल भारत भी था। मोदी सरकार की नौवीं वर्षगांठ पर डिजिटल इंडिया का असर अब दिखने लगा है। 2015 में डिजिटल डॉक्युमेंट स्टोर डिजीलॉकर की लॉन्चिंग की गई। इसके बाद 2016 में डिजिटल स्वामित्व के लिए यूपीआई जारी किया गया। 2021 में वन स्टॉप COVID-19 वैक्सीन प्लेटफॉर्म लॉन्च किया गया। जबकि 2022 में एयरपोर्ट पर भीड़ कम करने के लिए डिजी यात्रा की लॉन्चिंग की गई। मोदी सरकार की ये सब पहले अब लाखों जिंदगियों को छू रही है।

भारत ने उसे कैसे बदल दिया है। जिनमें दूरस्थ भारतीय नागरिक समेत हर नागरिक के लिए शासन शामिल है।

राजीव चंद्रशेखर

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के बारे में अलबत्ता बिबेक देबराय ने कहा कि यह एकमात्र एकमात्र उदाहरण है, जहां सरकार द्वारा संचालित सबसे बड़ी सफलता रही है। वहीं, फैक्टरडेली के को-फाउंडर पंकज मिश्रा ने कहा कि अब हम टेक और डिजिटल के बारे में ऐसी बातें नहीं करते हैं, जैसे वो हमारे जीवन से अलग हैं। पिछले दशक में इन चीजों में तेजी से बदलाव आया है। जबकि नेशनल हेल्थ टारगेट के सीईओ आरएस शर्मा का कहना है कि डिजिटल इंडिया संलग्नक में एक ऐसा प्रोग्राम हमारी सरकार का रहा है, जो लोगों के काम करने के तरीके में काफी बदलाव लेकर आया है। इससे सरकारी सेवाओं और सुविधाओं में बड़ी क्रांति आई है। इसका प्रसार लेकर भारती के पूर्व सीईओ शशि शेखर वेम्पति ने कहा कि डिजिटल इंडिया सिर्फ ऐप तक ही सीमित नहीं है। इसका प्रसार अब बड़े पैमाने पर हो चुका है।

डिजिटल इंडिया को समझने के लिए आंकड़े खंगालने लगेंगे

आज देश के व्यस्क आबादी के 99 प्रतिशत हिस्से के पास यूनिक आइडेंटिटी नंबर है। मई 2023 से 137 करोड़ से ज्यादा आधार कार्ड जारी किए गए हैं। फैक्टरडेली के को-फाउंडर पंकज मिश्रा ने कहा कि ये अप्रत्याशित है। दुनिया में कहीं भी 1.34 अरब लोगों को अपनी पहचान पत्र के आधार पर किसी सिस्टम या प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हुए नहीं मिला। लगभग 111 करोड़ भारतीयों ने COVID के टीकों का लाभ उठाने के लिए कोविन पर पंजीकरण फाइल किया।

आरएस शर्मा, सीईओ, राष्ट्रीय स्वास्थ्य निर्धारण ने कहा कि किसी देश में ऐसा कोई उदाहरण नहीं है जहां एक डेटाबेस को आठ या नौ महीने से भी कम समय में अरब से भी ज्यादा लोगों तक पहुंच गए।

UPI से मंथली लेन-देन 14 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा

आपके मासिक लेन-देन में 14 लाख करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान हो गया है। बहुत से देश शामिल थे कि वो ग्लोबल फाइनेंशियल सिस्टम में शामिल नहीं किए गए वो अब यू विनिर्देशों को देखकर कह रहे हैं कि हम भी इन बाधाओं से आगे निकल सकते हैं। डिजिटल इंडिया स्टैक का एकीकृत स्वामित्व एक गेम चेंजर साबित हुआ है। रेहड़ी लेने वाले और बताए ड्राइवर से लेकर चमचमाते शो रूम और बेरोजगार तक सभी छोटे बड़े कारोबार क्यू आर कोड की छत्रछाया में चले जाएं।

“आज 100 के 100 रुपये नागरिकों तक छाया हैं”

व्यापार में आसानी के अलावा इस मंच की सबसे बड़ी उपलब्धि वित्तीय समावेशन है। प्रसार भारती के पूर्व सीईओ शशिर शेख वेम्पति ने कहा कि जब-जब देश में जोखिम आई हैं जैसे नोटबंदी हो, लॉकडाउन हो, तब-तब डिजिटल इंडिया के वरीयता प्रोजेक्ट हैं वो काम आए हैं। और 100 करोड़ से भी ज्यादा आबादी देश में उस स्तर पर डिजिटल होने के फायदों तक पहुंचने वाला है भारत दुनिया में अकेलाौता देश है। वहीं, केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि आज अगर देश की राजधानी या राज्य की राज्यधानी से 100 रुपए मिले हैं तो वो 100 के 100 रुपये नागरिकों के खाते में हैं। और यह संभव बनाता है यूट्रस का डिजिटल प्लेटफॉर्म।

सीमांकन से सड़क यात्रा आसान हो गई है। फास्टट्रैक से अब टोल बूथ पर लंबी कड़ियाँ नहीं लगतीं। फास्ट ट्रैक स्टिकर्स अपने यूरेनियम रिकॉर्ड से टोल टैक्स काट लेते हैं, जिसके कारण अब टोल प्लाज पर पर्याप्त रूप से रुकना नहीं पड़ता है। जहां पर आपने भारतीयों को बिना कैश के छुट्टी की आजादी दी, वहीं पर उन्हें एक नई पहचान दी। जिसे राहेल ने ई-गवर्नेंस के लिए बनाया था। नंदन ब्लूकणी की पहचान में आज हर भारतीय का एक यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर है।

“आज 130 करोड़ भारतीयों के पास आधार”

भारत के पहले अध्यक्ष के तौर पर यूनिक आइडेंटिफिकेशन डिटेक्शन ऑफ इंडिया के पहले प्रेजिडेंट के तौर पर नंदन ब्लूकणी ने वो अस्पष्टता रखी, जिसके ऊपर अधिकारियों की योजना आधारित हैं। आरएस शर्मा ने कहा कि आज 130 करोड़ लोगों के पास आधार है। मतलब लगभग हर व्यक्ति के पास है। तो आज हिंदुस्तान अकेला ऐसा देश है जिसके पास ऑनलाइन सिग्नेचर सर्विस उपलब्ध है, डिजिटल लॉकर है जिसमें 550 करोड़ डाक जमा किए गए हैं। इसी तरह से हमारे पास डिजिटल केवाईसी है, जिसके माध्यम से अब आप घर बैठे ही बैंक एकाउंट खोल सकते हैं। ये जो चीज हुई है, इसे डिजिटल क्रांति कहते हैं जो हिन्दुस्तान में हुई है।

ये वर्णन पूरी तरह से डिजिटल है। आपको कार्ड भी साथ रखने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि ये डिजिलॉकर पर उपलब्ध है। एक ऐसा ऐप जो कई अहम दस्तावेज़ों पर क्लिक करता है। फिर ये डिजिटल आईडी अन्य ऐप से जुड़कर सुविधा देता है। जैसे डिजी यात्रा हवाई यात्रा को बहुत आसान बनाता है। या आरोग्य सेतु की मदद से कोविड की स्थिति पर निगरानी रखी जाती है।

डिजिटल इंडिया ने सरकार के कामकाज के तरीके को भी बदला है

डिजिटल इंडिया ने ना सिर्फ आम भारतीयों की जिंदगी बदल दी है बल्कि सरकार के कामकाज के तरीके को भी बदला है। शशिर शेख वेम्पति कहते हैं कि मैं जो एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर रहा हूं सरकार के अंदर तकनीक के इस्तेमाल का वो है गवर्मेंट ई मार्केट प्लेस, जेम पोर्टल। इसमें सरकार की जितनी भी सारी खरीदारी है वो ऑनलाइन हो रहा है। और ये ओपन मार्केट प्लेस है। इसमें छोटे से छोटे दुकानदार हो या सर्विस प्रोवाइडर हो वो इस जेम पोर्टल पर रजिस्टर हो सकते हैं। और अपने जो भी उत्पाद हैं उनमें से नौ वो सरकारी मंत्रालय को दे सकते हैं।

वैसे डिजिटल पहुंच अब भी एक चुनौती है. और अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है। अभी देश के अंश तक ही इंटरनेट आता है। इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन के मुताबिक 2022 में देश की आबादी 52 प्रतिशत तक पहुंच गई है। वर्ल्ड बैंक के आंकड़े देखें तो इंटरनेट की पहुंच जो 2014 तक सिर्फ 14 प्रतिशत थी वो अब दी तो है लेकिन अभी इस क्षेत्र में और काम करने की जरूरत है।

दिल्ली के बाहरी ग्रामीण इलाकों में किसानों का कहना है कि वहां इंटरनेट संबंधी चिंताएं नहीं हैं। और कुछ लोगों का जीवन ठीक वैसा ही है जैसे डिजिटल इंडिया मिशन से पहले था। मुर्शादिद जो किसान हैं, का कहना है कि सरकार ने कहा था कि हम किसानों तक इंटरनेट के माध्यम से बात पहुंचाएंगे वो बात हम तक नहीं आ खोजों है। सरकार हमारी मदद कर रही है लेकिन वो हम तक नहीं आती है।

वहीं, तबस्सुम, जो गृहिणी हैं, बोलते हैं कि लॉकडाउन से पहले बच्चे अच्छे नंबर से पास हो जाते हैं लेकिन लॉकडाउन में पढ़ाई ना होने की वजह से नंबर कम आए। क्योंकि और बच्चों की तरह हमारे बच्चे को इंटरनेट से पढ़ाई नहीं हो पाती।
हमारे बस का नहीं है कि हम बड़ा फोन लें। हम तो बस बात करने के लिए ही फोन का इस्तेमाल कर सकते हैं।

ग्रामीण भारत में भी डिजिटल अपना पाव पसंद कर रहा है। शशिर शेख वेम्पति कहते हैं कि भारत नेट जो हर गांव और हर पंचायत में फाइबर ऑप्टिक एक्सिस का एक प्रोजेक्ट है, वो भी आगे बढ़ रहा है। हाल ही में सरकार ने बीएसएनएल को एक बड़ा पैकेज दिया है जिससे 4जी नेटवर्क का भी विस्तार हो रहा है। मुझे लगता है कि ये सिर्फ एक समय की बात है कि देश में इंटरनेट की पहुंच और बढ़ रही है।

साइबर सुरक्षा भी एक बड़ी चुनौती है

साइबर सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है। इंटरनेट पर डेटा के साथ जोखिम जुड़े रहते हैं। इससे डिजिटल इंडिया भी नहीं है। आरएस शर्मा का कहना है कि ऑनलाइन डिजिटल दुनिया एक ऐसी दुनिया है जहां डेटा ब्रिच का जोखिम हमेशा रहता है। किसी भी सिस्टम को सुनिश्चित करने के लिए आपके डेटा का पुल नहीं होना चाहिए। सुरक्षा सुनिश्चित करना भी जरूरी है। इन अटक के बावजूद डिजिटल इंडिया कई नए प्लेटफॉर्म पर आ रहा है। एक बड़ा कदम है सरकार ई-कॉमर्स के मंच ओएनडीसी को स्थापित करती है। जो देश भर में 35 हजार से ज्यादा छोटे कारोबार और रेस्टोरेंट का बिजली का अधिकार देकर ऑनलाइन मर्ज में बदलाव ला रहा है। इस तरह के प्रचार के साथ डिजिटल इंडिया का भविष्य उज्जवल है।

डॉक्यूमेंट्री सीरीज का पहला 6वां एपिसोड आप यहां देख सकते हैं:-

एपिसोड 1- जंप

एपिसोड-2 महिला वाणीकरण

एपिसोड-3 कल्याणकारी योजना

प्रकरण-4 इंफ्रास्ट्रक्चर

एपिसोड-5 बदल रहा कश्मीर

एपिसोड -6 चुनावी रणनीति में सीधे पीएम मोदी