दिल्ली देहात से….

हरीश चौधरी के साथ….

चिराग दिल्ली गांव का गौरव ( दिल्ली देहात से… एपिसोड- 2 )

चिराग दिल्ली गांव का गौरव

 दिल्ली देहात से… एपिसोड- 2

दिल्ली देहात से… मैं, हरीश चौधरी, आपका सूत्रधार, लेकर आया हूँ आज श्रीमान प्रवीण प्रभाकर गौड़ की कहानी। उत्तर प्रदेश के खेरा भाईपुर गाँव के श्री त्रिलोक चंद शर्मा व उनकी पत्नी श्रीमती गंगा देवी के पुत्र के.एल. शर्मा जब 5 वर्ष के हुए तो चिराग दिल्ली की कपूरी देवी ने उन्हें गोद लिया और नन्हे बालक की लालन पालन कर के उसे कामयाब बनाया। श्री के. एल. शर्मा एमसीडी के अंडर-सेक्रेटरी के पद से सेवा निवृत्त हुए। श्री के. एल. शर्मा व उनकी पत्नी श्रीमती उर्मिला शर्मा के 5 बच्चे हुए। जिनमें तीन पुत्रियाँ, कुसुम, सुमनलता व हर्ष प्रतिमा और दो पुत्र, अनिल सुधाकर गौड़ व प्रवीण प्रभाकर गौड़ हुए। प्रवीण प्रभाकर गौड़ की पैदाइश 24 अगस्त सन 1973 को,दिल्ली के चिराग दिल्ली गाँव में हुई। प्रभाकर गौड़ ने सन 1991 में बैगलुरु से फ़ार्मेसी की पढ़ाई की जिसके पश्चात सन 1995 में दिल्ली के शहीद भगत सिंह कौलेज से स्नातक की और फिर मेरठ से सनातकोत्तर पूरी की। सन 2015 में जब प्रवीण प्रभाकर गौड़ को औरोविन्दो कौलेज के ट्रेज़रार के रूप में ज़िम्मेदारी मिली। सन 2015 में ही दिल्ली राज्य सरकार ने प्रभाकर गौड़ को तिहाड़ जेल में बतौर नौन औफ़िसियल विज़िटर नियुक्त किया। बतौर नौन औफ़िसियल विज़िटर अपने दो साल की कार्यावधि में आकस्मिक निरिक्षक के रूप में प्रवीण प्रभाकर ने तिहाड़ जेल की व्यवस्था बनाए रखने में योगदान देते हुए एक बार फिर अपनी प्रवीणता का परिचय दिया। सन 2018 प्रवीण प्रभाकर बहैसियत चेयरमैन दिल्ली के कमला नेहरू कौलेज अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने निकल पड़े। प्रभाकर गौड़ की संतुलित सामाजिक जीवन को बनाए रखने में इनके परिवार का भरपूर सहयोग रहा है। प्रभाकर गौड़ के पिता पं के एल शर्मा और माता श्रीमति उर्मिला शर्मा ने उन्हें ऊँचे संस्कार दिए तो वहीं पत्नि श्रीमति पूजा गौड़ ने जीवन संगिनी के रूप में हर कदम पर साथ दिया। प्रभाकर गौड़ के पुत्र, अभिनव और ईशान उनके ख़ुशियों का संसार हैं। तो ये थी कहानी प्रवीण प्रभाकर गौड़ की। दिल्ली के देहात की मिट्टी से जुड़े ऐसे ही कामयाबी के किस्से जारी रहेंगे जुड़े रहे हमारे साथ।

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